चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। हरियाणा सरकार की ओर से फील्ड में ड्यूटी के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से वरिष्ठ आईएएस अफसरों को पीएसओ (निजी सुरक्षा अधिकारी) देने का फैसला लिया गया था। इन आदेशों में 22 लगभग अफसरों को पीएसओ देने के आदेश जारी किए गए थे, क्योंकि इन सभी अफसरों की ड्यूटी प्रदेश मुख्यालय से फील्ड में लगाई गई थी। इन अफसरों में अधिकांश अफसर प्रदेश मुख्यालय पर तैनात हैं, लेकिन किसान आंदोलन, ई-गवर्नेंस प्रोजेक्टस के साथ-साथ कोविड की चुनौती को लेकर फील्ड में ड्यूटी लगाई गई है।
इस क्रम में हरियाणा के चर्चित अफसर व साइंस एवं टेक्नालाजी विभाग के प्रमुख सचिव अशोक खेमका को भी गनमैन भेजा गया था। खेमका ने उसको यह कहकर लौटा दिया है कि उनकी सुरक्षा को कोई भी खतरा नहीं है, बल्कि इनको जनता की सेवा में लगाया जाए। खेमका द्वारा पीएसओ लौटाए जाने के बाद में अब बाकी भी कुछ अफसर इसी तरह का फैसला लेने पर विचार कर रहे हैं। अशोक खेमका ने पूछे जाने पर इसकी पुष्टि की और कहा कि उनको सुरक्षा गार्ड की जरूरत नहीं है, ना ही उनकी सुरक्षा को किसी भी तरह का कोई खतरा है। कुल मिलाकर अशोक खेमका के इस फैसले की बाकी अफसरों में भी चर्चा बनी हुई है।
इन 22 अफसरों को दिए गए थे गनमैन
जिन 22 अफसरों को यह गनमैन दिए गए थे, उनमें मुख्य सचिव कौशल से लेकर एफसीआर पीके दास, एसीएस वीएस कुंडू, सुमिता मिश्रा, विनीत गर्ग, एके सिंह, महावीर सिंह, एसएन राय देवेंद्र सिंह, अनुराग रस्तौगी, आलोक निगम सेवानिवृत्त, सुधीर राजपाल, अमित ज्ञा, आनंद मोहन शरण, राजाशेखर वुंदरू, विनीत गर्ग, जी अनुपमा, अरुण गुप्ता, विजेंद्र कुमार, डी सुरेश, विजय सिंह दहिया के नाम शामिल हैं।
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