नीमा गांव का ऊंट विवाद: पति पत्नी तथा दो पुत्रों को आजीवन कठोर कारावास की सजा

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अपर जिला सेशन न्यायाधीश द्वितीय ने बारह साल पुराने मामले में सुनाया फैसला

सादुलपुर, (ओमप्रकाश)। गांव नीमा में लगभग 12 साल पहले ऊंट ऊंटनी के विवाद में पति को बंधक बनाने तथा पत्नी को केरोसिन तेल डालकर जिंदा जलाकर हत्या करने के आरोप में अपर जिला सेशन न्यायालय द्वितीय ने आरोपी पति-पत्नी और दो पुत्रों सहित चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है। प्रकरण अनुसार 06 जुलाई 2012 को सुमन पत्नी दिलीप सिंह राजपूत निवासी नीमां ने पीबीएम बीकानेर अस्पताल में पर्चा बयान दिया कि दिनांक 30 जून 2012 की रात्रि को उनका ऊंट घर पर बंधा हुआ था। Sadulpur News

अचानक खुल जाने के कारण गांव के ही मांगीलाल के घर ऊंटनी के पास चला गया था। तो मांगीलाल ने लाठी मार कर ऊंट को वापस निकाल दिया। तथा ऊंट भी वापस उनके घर आ गया था। लेकिन दिनांक 01 जुलाई 2012 की दोपहर में करीब 2.00 बजे उनका ऊंट फिर खुलकर मांगीलाल की ऊंटनी के पास चला गया था। जिससे नाराज होकर आरोपी मांगीलाल तथा उसकी पत्नी भल्लू देवी, लडक़ा धनपत सिंह और सुभाष सिंह हाथों में जेली, कस्सी लिए हुए उनके घर पर आए और उसके पति दिलीप सिंह राजपूत पर जेली से हमला कर दिया, जिसके कारण उसके पति जमीन पर गिर गए।

उसके ऊपर पीपी तेल डालकर धनपत ने माचिस से आग लगा दी

उसने बीच बचाव किया तो आरोपियो ने उसे धक्का देखकर गिरा दिया तथा उसके पति को चारों आरोपियों ने घसीटते हुए अपने घर ले गए और घर में ले जाकर कीकर के पेड़ से बांध दिया तथा पीछे-पीछे अपने पति को छुड़ाने गई तो आरोपी मांगीलाल उसके दोनों पुत्रों ने कहा कि तू यहां से चली जा वरना जान से मार देंगे। जिस पर उसने कहा कि अपने पति को अपने साथ लेकर जाऊंगी। फिर मांगीलाल ने कहा कि ऐसे नहीं मानेगी इसको जिंदा जला दो।

तब मांगीलाल की पत्नी घर से मिट्टी के तेल की पीपी लेकर आई और अपने बेटे धनपत के हाथ में दे दी, फिर सुभाष ने उसे पकड़ लिया और उसके ऊपर पीपी तेल डालकर धनपत ने माचिस से आग लगा दी, जिसके कारण उसके कपड़ों में आग लग गई तथा चिल्लाई ओर शोर शराबा किया तो गांव के लोग मौके पर आ गए तथा उसके पति को पेड़ से खोला तथा एंबुलेंस मंगवाकर अस्पताल में उसे भर्ती करवाया। लेकिन चिकित्सको ने गम्भीर हालत देखते हुए सुमन को अस्पताल से बीकानेर रैफर कर दिया। Sadulpur News

दिनांक 15 जुलाई 2012 को उपचार के दौरान सुमन की अस्पताल में मृत्यु हो गई। मामले में हमीरवास थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की एवं जांच कर चालान न्यायालय में पेश कर दिया न्यायालय ने कुल 19 गवाहों को परीक्षित करवाया तथा 23 दस्तावेजों को प्रदर्शित करवाया गया। मामले में अपर जिला सेशन न्यायाधीश द्वितीय लतिका दीपक पराशर ने पत्रावलियों पर आए साक्ष्यों गवाहों सबूतों का गहन अवलोकन कर आरोपियों को दोषी माना तथा आरोपी मांगेराम पुत्र चन्दगीराम मेघवाल, माली देवी उर्फ भल्लू देवी पत्नी मांगेराम, धनपत सिंह पुत्र मांगेराम मेघवाल व सुभाष पुत्र मांगेराम मेघवाल निवासी नीमां को आजीवन कठोर कारावास की सजा से दंडित किया है। मामले में सरकार की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजन न्यायालय-द्वितीय सुनील कुमार बसेरा कालरी ने की। Sadulpur News

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