– हादसे में घायल हुए युवक के परिवार को पड़े रोटियों के लाले
सरसा सच कहूँ/सुनील वर्मा। सड़क दुर्घटना में घायल हुए जिला के गांव बणी निवासी अनिल को उपायुक्त के आश्वासन के 9 माह बाद भी कोई सरकारी सहायता नहीं मिल पाई है, जिसके चलते उसके परिवार को रोटी तक के लाले पड़ गए हैं। घर में अनिल ही कमाने वाला था, जोकि स्वयं कोमा में चारपाई पर पड़ा हैं। हालात ये हो गए हैं कि परिवार के लोगों ने जो पूंजी थी, उसके उपचार पर खर्च कर दी। अब अनिल के घर में चुल्हा जलना भी मुश्किल हो गया हैं। बता दें कि घायल अनिल की पत्नी सुनीता व उनके पिता सोहनलाल कई बार जिला उपायुक्त सहित अन्य अधिकारियों से उनका बीपीएल कार्ड बनवाने की गुहार लगा चुके है लेकिन उन्हें झूठे आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला हैं।
अपै्रल 2018 से कोमा में है पति
कोमा में चल रहे अनिल कुमार की पत्नी सुनीता ने बताया कि एक अपै्रल 2018 को उनके पति का एक्सीडेंट हो गया था। जिसके कारण वे कोमा में चल रहे हैं। वे अपने पति का जिंदल सहित तीन बड़े अस्पतालों में इलाज करवा चुकी हैं। फिर भी उनमें कोई सुधार नहीं हैं औैर अभी भी कोमा में हैं। सुनीता ने बताया कि उनका पति 100 प्रतिशत फिजीकली हेंडीकेप्ट है। उन्होंने कहा कि उनके परिवार का सहारा उनका पति ही था और अन्य कोई कमाई का जरिया न होने के चलते उनके परिवार की हालत काफी खराब हो चुकी हैं।
डीसी ने दिया था हर संभव मदद का आश्वासन
घायल अनिल कुमार के पिता सोहन लाल व पत्नी सुनीता रानी ने बताया कि 30 जुलाई 2018 को गांव बणी में जिला उपायुक्त की ओर से खुला दरबार लगाया था। जिसमें ग्राम पंचायत को साथ लेकर उन्होंने बीपीएल कार्ड बनवाने की गुहार लगार्ई थी। उस दौरान जिला उपायुक्त ने जल्द से जल्द बीपीएल राशन कार्ड बनवाकर देने का आश्वासन दिया था। लेकिन अभी तक परिवार की समस्या का समाधान नहीं हुआ है।
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‘‘मेरी अभी सरसा में पोस्टिंग हुई है। मेरे संज्ञान में ऐसा कोई मामला नहीं है। परिवार का कोई सदस्य उनसे कार्यालय समय के दौरान आकर मिल सकता है। जो भी सहायता होगी, करवाई जाएगी।
-कुलभूषण, सीटीएम सरसा।
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