फिलीपींस में तूफान, 98 लोगों की मौत

Philippines

मनीला (एजेंसी)। Philippines में सप्ताहांत में आए विनाशकारी उष्णकटिबंधीय तूफान के कारण कम से कम 98 लोगों की मौत हो गई है। इसकी वजह से देश के कई हिस्सों में अचानक बाढ़ आ गयी और भूस्खलन हो गयी है। सरकार ने सोमवार को यह जानकारी दी। राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन परिषद ने बताया कि 58 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि अन्य 40 की पहचान की जा रही है। एजेंसी ने बताया कि रिपोर्ट किए गए 63 लापता में से 25 की मौत की पुष्टि की गई है, जबकि अन्य 38 की पहचान की जा रही है। एजेंसी ने बताया कि 53 मौतें दक्षिणी फिलीपींस में मुस्लिम मिंडानाओ (बीएआरएमएम) के बंगसामोरो स्वायत्त क्षेत्र में हुई हैं। वहीं, अन्य मौतें मध्य फिलीपींस में मुख्य लुजोन द्वीप के नौ क्षेत्रों और दक्षिणी फिलीपींस में मिंडानाओ द्वीप के अन्य क्षेत्रों में हुयी हैं। एजेंसी ने बताया कि नलगे तूफान ने 10.8 लाख से अधिक लोगों को प्रभावित किया है। 364 सड़कों और 82 पुलों को क्षतिग्रस्त हुयी हैं और कई क्षेत्रों में बिजली की गुल हो गयी है।

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द कोरिया में हैलोवीन समारोह में भगदड़ , मृतक संख्या बढ़कर 153 हुई

दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल के इटावन जिले में हैलोवीन समारोह के दौरान मची भगदड़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 153 हो गयी। हंक्योरेह अखबार ने रविवार को अपनी रिपोर्ट में बताया कि जिले में हैलोवीन समारोह में हजारों लोगों के इकट्ठा होने के बाद हैमिल्टन होटल के पास एक संकरी ढलान वाली गली में भगदड़ मच गयी। घटना में 100 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं। सोल स्थित रूसी दूतावास के मुताबिक मृतकों में चार रूसी नागरिकों सहित 20 विदेशी शामिल हैँ। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक-येओल ने आज सुबह दुर्घटनास्थल का दौरा किया। येओल ने आज यहां राष्ट्रीय टेलीविजन पर अपने सम्बोधन में दुर्घटना पर राष्ट्रीय शोक की घोषणा करते हुए कहा, ‘यह दुर्घटना वास्तव में दुखद है। उन्होंने दुर्घटना पर शोक व्यक्त करते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।
उल्लेखनीय है कि हर वर्ष 31 अक्टूबर को मनाए जाने वाले इस त्योहार के लिए पहले से ही लोग में तैयारियों में जुट जाते हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, मेक्सिको समेत कई देशों में लोग कई तरह के मेकअप करते और परिधान पहनकर ‘भूत’ बनते हैं। दरअसल हैलोवीन की शुरूआत बहुत पहले ही हुई थी। फसल के मौसम में किसानों की मान्यता थी कि बुरी आत्माएं धरती पर आकर उनकी फसल को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसलिए उन्हें डराकर भगाने के लिए वे खुद डरावना रूप अख्तियार कर लेते थे। वहीं आधुनिक युग में यह एक मौज-मस्ती और छुट्टी मनाने का अच्छा तरीका बन गया है तथा धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता भी काफी बढ़ती जा रही है।

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