बड़ौत, जोनमाना और धनोरा के रक्तवीरों ने रक्तदान कर लिखी नई इबारत
बागपत (सच कहूँ/ संदीप दहिया)। कहते हैं यह दौर कलियुग का चल रहा है जंहा भाई-भाई का दुश्मन बन बैठा है। मात्र कुछ रुपयों और जमीन के लिए एक दूसरे का खून बहाया जा रहा है, वहीं ऐसे समय में कुछ लोग ऐसे भी है जो अपने लहू से अंजान लोगों का जीवन सिंच रहे हैं। ये लोग अपने बेहद जरूरी कार्यों को भी छोड़कर दूसरों का जीवन बचाने के लिए तन, मन और धन से चौबीस घंटे तत्पर रहते है। Baghpat News
जी हाँ हम बात कर रहे हैं इंसानियत के प्रहरी डेरा सच्चा सौदा के जीवंत और साहसी सेवादारों की, जो दूसरों का जीवन बचाने के लिए अपने प्राण दाव पर लगा देते हैं। ये लोग अपनी जान की भी परवाह न करते हुए जरूरतमंदो को रक्तदान कर अपने खून से नई इबारत लिख रहे हैं। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणा पाकर वे इंसानियत की सेवा में जी जान से जुटे हुए हैं। रक्तदान की सबसे अहम सेवा में बागपत जनपद के बड़ौत, धनोरा और जोनमाना ब्लॉक के सेवादार नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं।
हाल ही बड़ौत मान स्तंभ परिसर में हुए हादसे में भी बड़ौत ब्लॉक के रक्तवीरों ने घायलों की सेवा करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। सैकड़ों डेरा अनुयायी घायलों की जान बचाने के लिए रक्त देने के लिए तैयार हो गए थे। सेवा का ऐसा जज्बा देखने को मिलता है इन सेवादारों में। सेवा करने के लिए ये सेवादार अपने प्रेरणास्रोत सतगुरु का गुणगान करते है।
हादसे में घायलों को रक्त देने के लिए तत्पर हो गए सैकड़ों डेरा प्रेमी | Baghpat News
सबसे पहले हम बात करते है सोनू इन्सां निवासी शाहपुर बड़ौली ब्लॉक जोनमाना तहसील बड़ौत की जिन्हे यदि मोबाईल ब्लड बैंक कहा जाये तो अनुचित न होगा, क्योंकि ये अब तक 102 बार रक्तदान कर चुके है। जिसके कारण इनका नाम इंडिया बुक रिकॉड में दर्ज हो चुका है। सोनू इन्सां बताते है कि पूज्य गुरुजी की प्रेरणा से उन्होंने सन 2000 में पहली बार रक्तदान किया था। इस सेवा से उन्हें इतनी खुशी मिली कि वे रक्तदान के माध्यम से दूसरों के प्राण बचाने की सेवा में जुट गए। जरूरतमंदों की जान बचाने के लिए वे रात के 12 बजे भी दिल्ली और मेरठ के अस्पताल में रक्तदान करने के लिए पहुंचे। उन्होंने कहा कि वे बारम्बार पूज्य गुरुजी को ऐसी प्रेरणा देने के लिए धन्यवाद करते हैं।
बड़ौत ब्लॉक के सेवादार और शिक्षाविद महेश पंवार इन्सां बताते है कि पूज्य गुरुजी की जरूरतमंदों की हर प्रकार से सेवा करने की प्रेरणा पर अमल करते हुए रक्तदान की सेवा में वे अब तक 25 बार रक्तदान कर चुके है। उन्होंने बताया कि पूज्य गुरुजी के रक्तदान करने के विषय में जो वचन किए गए थे कि रक्तदान करने से हमारे शरीर में कोई कमी नहीं आती है बल्कि स्वास्थ्य और अच्छा हो जाता है। उसी पर अमल करते हुए पूज्य गुरुजी की कृपा से रक्तदान करने से उन्हें कभी कोई कमजोरी महसूस नहीं हुई और हर बार रक्तदान करने के बाद एक नई ऊर्जा और खुशी का अहसास होता है। सेवादारों का कहना है कि पूज्य गुरुजी ने हमेशा अपने सेवादारों को मानवता भलाई कार्य करने की प्रेरणा दी है जिस पर वे लगातार अमल कर रहे है और हमेशा करते रहेंगे। Baghpat News
48 बार रक्तदान कर दूसरों की जान बचाने वाले बड़ौत ब्लॉक के सेवादार रवि इन्सां
वही 48 बार रक्तदान कर दूसरों की जान बचाने वाले बड़ौत ब्लॉक के सेवादार रवि इन्सां अपने गुरु पूज्य संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणा पर पूरी तरह से अमल कर इंसानियत की सेवा में जी जान से जुटे है। वे बताते है की पूज्य गुरुजी के वचनानुसार रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं है, इससे वे बहुत प्रभावित है। जब उन्होंने पहली बार रक्तदान किया था और उससे जो खुशी उन्हें मिली उसे शब्दों में बयान करना मुश्किल है। उन्होंने 2001 में पहली बार रक्तदान किया था और तब से अब तक जरूरतमंदो की सेवा करने यह सिलसिला निरंतर जारी है।
धनोरा ब्लॉक के प्रेमी सेवक मास्टर जितेंद्र इन्सां अब तक 42 बार रक्तदान कर जरूरतमंदों और असहाय लोगों के इलाज में सहयोग कर उनकी जान बचाने का कार्य कर चुके है। जितेंद्र इन्सां बताते है कि पूज्य गुरुजी कीपावन रहनुमाई में 167 मानवता भलाई के कार्य जिनमे से एक है ट्रू ब्लड पम्प अर्थात जरूरतमंद व्यक्ति को रक्तदान करना। उसमे वे बढ़ चढ़कर भाग लेते है। पूज्य गुरुजी की प्रेरणा से सन 2007 में शाह सतनाम जी धाम सरसा में पूज्य गुरुजी ने रक्तदान कैम्प लगवाया था उसमे उन्होंने पहली बार रक्तदान किया था। उस दिन से वे हर तीन महीने में नियमित रक्तदान कर रहे है।
बड़ौत ब्लॉक के ही अमरचंद इंसा भी पूज्य गुरुजी की इंसानियत की सेवा की प्रेरणा पर अमल करते हुए जरूतमंद मरीजों को अब तक 26 बार रक्तदान कर उनके इलाज में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा चुके है। अमरचंद इन्सां बताते है कि पूज्य गुरुजी की पावन प्रेरणा से 2013 में पहली बार रक्तदान किया हूं और अब तक 26 बार रक्तदान कर चुका हूँ। Baghpat News
Honesty: बेशकीमती सोना भी नहीं डिगा सका डेरा श्रद्धालु का ईमान