आतंकी अहमद डार को मानवाधिकार आयोग ने बताया पीड़ित

Human Rights Commissioner,

 प्रदेश सरकार को 10 लाख मुआवजा देने को कहा

  •  मेजर गोगोई ने सेना की जीप पर बांध कर घूमाया था

श्रीनगर। जम्मू कश्मीर मानवाधिकार आयोग ने एक अजीब फैसला सुनाते हुए बीजेपी-पीडीपी की साझा सरकार को फारूक अहमद डार को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा है। बता दें कि फारुक अहमद डार वही हैं, जिन्हें पत्थरबाजों से निपटने के लिए सेना जीप के बोनट से बांधकर ढाल की तरह इस्तेमाल किया था। घाटी में पत्थरबाजों के बीच घिरे सेना के जवानों को बचाने के लिए मेजर नितिन लितुल गोगोई ने डार को जीप के बोनट से बांधने का फैसला लिया था।

मेजर के इस फैसले के बाद विवाद मच गया था। आयोग के आदेश के बाद मेजर गोगोई के डार को जीप के बोनट से बांधने के फैसले पर बार फिर विवाद उठने की आशंका है, क्योंकि आयोग के फैसले के बाद यह साबित हो गया है कि फारूक अहमद डार पीड़ित हैं। हालांकि सेना डार को पत्थरबाज कहती रही है और बीजेपी खुलकर सेना के समर्थन में है।

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