कैसे विश्वास करें जनाब, 2017 में अनाउंस स्कीम अभी तक नही हुई लागू

How to trust, the annuity scheme has not yet been implemented in 2017
  •  मार्च 2017 में वरिष्ठ नागरिकों के लिए अनाउंस की थी ऐसी ही स्कीम

  •  अभी तक एक भी वरिष्ठ नागरिक को तीर्थ पर नही ले गयी है हरियाणा सरकार

अश्वनी चावला चंडीगढ़। हरियाणा के 20 फीसदी से ज्यादा की जनसंख्या वाले एससी वर्ग को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने तीर्थ यात्रा करवाने का ऐलान तो कर दिया है परंतु उनके इस ऐलान पर कोई भी विश्वास करने के लिए तैयार नहीं है। क्योंकि मुख्यमंत्री ने 2 साल पहले मार्च 2017 को इसी तरह का ऐलान किया था जो कि अभी तक लागू नहीं हो पाया है।बस फर्क इतना है कि 2 साल पहले मुख्यमंत्री ने बीसी व गरीबी रेखा से निचले वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थ पर भेजने का ऐलान किया था जबकि इस बार एससी वर्ग के हर जन को तीर्थ यात्रा करवाने का ऐलान किया है।

2 साल पहले अपने ऐलान में मुख्यमंत्री ने वायदा किया था कि 60 साल से ऊपर की उम्र के सभी पीछड़ा वर्ग के वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थ यात्रा करवाई जाएगी और इस तीर्थ यात्रा में आने वाले खर्च का 70 फीसदी हिस्सा हरियाणा सरकार अपनी जेब से देगी जबकि तीर्थ यात्रा पर जाने वाले वरिष्ठ नागरिक को अपनी जेब से 30 फीसदी पैसा देना था इस ऐलान के बाद हरियाणा के वरिष्ठ नागरिकों ने बैग पैक करते हुए तीर्थ यात्रा पर जाने की तैयारी तो कर ली लेकिन अभी तक हरियाणा सरकार इस स्कीम को अमली जामा नहीं पहना पाई है इसी कारण एससी वर्ग के लोगों को तीर्थ यात्रा करवाने के ऐलान पर विश्वास नहीं किया जा सकता कि कहीं पिछली घोषणा की तरह यह घोषणा भी सिर्फ कागजों तक ही सीमित न रह जाये।

  • कैसे होगा 100 तीर्थ यात्रियों का चुनाव

मनोहर लाल खट्टर की तरफ से अनाउंस की गई तीर्थ यात्रा स्क्रीम में हर साल 9000 लोगों को ही तीर्थ यात्रा पर भेजा जाएगा और हर विधानसभा हलके से सिर्फ 100 तीर्थयात्रियों का ही चुनाव होगा ऐसे में सवाल यह उठता है कि हर विधानसभा से मात्र 100 तीर्थ यात्रियों का चयन किस प्रक्रिया से होगा और वह प्रक्रिया कितनी सफल हो पाएगी।

  • मात्र 2 महीनों में कैसे तैयार होगा पूरा खाका

अब यही पर सवाल उठता है कि ताजा अनाउंस हुई तीर्थ यात्रा स्कीम को लागू करने के लिए क्या मनोहर की सरकार अपने कार्यकाल के रहते पूरा खाका भी तैयार कर पाएगी या नहीं। इस नई स्कीम को लागू करने से पहले हरियाणा सरकार को न सिर्फ टर्म एंड कंडीशन को तैयार करना होगा बल्कि पूरी एक पॉलिसी बनानी होगी जिसको पहले केबिनेट में पेश करते हुए अप्रूवल लेनी पड़ेगी और उसके बाद उस संबंध में नोटिफिकेशन जारी करते हुए स्कीम को लागू करना पड़ेगा इसके साथ ही तीर्थ यात्रा पर भेजने के लिए रेलवे के साथ एमओयू भी करना पड़ेगा इस पूरी प्रक्रिया को मुकम्मल करने के लिए 2 महीने का समय पर्याप्त नजर नहीं आ रहा है जबकि इस सरकार के कार्यकाल में मात्र 2 महीने का ही समय रह गया है।

 

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