सरसा। अभी-अभी पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के इंस्टाग्राम पर एक वीडियो अपलोड हुई। जिसमें पूज्य गुरु जी नौजवानों के सवालों के जवाब दे रहे हैं।
सवाल : आज की सोसायटी के अनुसार लाइफ स्टाइल मेंनटेन करना (जीवनयापन) बहुत ही एक्सपेनसिव (महंगा) हो गया है, जिसकी वजह से सेविंग नहीं हो पाती है। तो क्या करें कि लाइफ स्टाइल भी मैंटेन कर पाएं और सेविंग्स भी हो जाएं?
पूज्य गुरू जी का जवाब : आप ज्यादा ध्यान ये रखें कि अगर आपके पास स्कूटर है तो साईकिल वाला भी जी रहा है। और आपके पास साईकिल है तो पैदल चलने वाला भी जी रहा है। लेकिन जब आप महत्वाकांक्षा ज्यादा बढ़ा लेते हैं, कि नहीं, मेरे पास स्कूटर है लेकिन मैंने कार वालों की बराबरी करनी है, उनके बराबर का स्टैंडर्ड रखना है तो हमें लगता है कि वहां आप धोखा खा जाते हैं। तब ना तो बचाव कर पाते हैं, क्योंकि लालसा बहुत बड़ी है और उसी लालसा में आप टैंशन लेना शुरू कर देते हैं, जो कमा रहे होते हैं, उसमें भी कटौती होनी शुरू हो जाती है बजाय बढ़ोत्तरी के। तो हमें लगता है कि जो लाइफ आप जी रहे हैं, खाने को मिल रहा है, पहनने को मिल रहा है, रहने को मिल रहा है, तो ये वो सुविधाएं हैं जो एक इन्सान के लिए काफी मायने रखती हैं और फिर आपके पास स्कूटर है या साईकिल है तो और भी बढ़िया है और धीरे-धीरे कार ने भी आ जाना है, लेकिन आप मेहनत करते रहिए। स्टैंडर्ड मैंटेन इस तरह से कीजिए, ना कि इस तरह से कि मेरे पास स्कूटर है मैं तो कार लूंगा। हम नहीं कहते कि महत्वाकांक्षा ना हो, जरूर होनी चाहिए इच्छा कि मैंने तरक्की करनी है, आगे बढ़ना है, लेकिन एक दम से वहां जाएंगे तो आप बचाव नहीं कर पाएंगे। तो अपने खर्चों के बारे में बैठकर सोचा करें, लिखा करें जो भी आप खर्च करते हैं। एक डायरी लें या फोन आ गए हैं आजकल, उसमें जो भी नोट्स वगैराह आप बनाते हैं तो उसमें वो रोज लिखें कि आपने क्या खर्चे किए, महीने में रिजल्ट निकलकर आ जाएगा कि कहाँ फालतू का खर्चा हुआ, फिजूलखर्ची हुई और कहाँ है सही खर्चा। तो फिजूलखर्ची की कटौती कर दें और सही खर्चे पर आप चलें तो यकीनन आप बचत भी कर पाएंगे और सुखी जिंदगी भी जी पाएंगे।
इस बार मानवता भलाई के ये काम शुरू किए
पूज्य गुरूजी द्वारा 40 दिन के रूहानी यात्रा पर इस बार मानवता भलाई के चार नए कार्यों की शुरूआत करके संगत द्वारा की जाने वाली सेवा का दायरा बढ़ाया। नए कार्यों में 143वां कार्य पूरे देश को नशा मुक्त बनाना, 144वां कार्य साध-संगत द्वारा प्रदूषण रहित गाड़ियां चलाना, 145वां कार्य पर्यावरण, वातावरण शुद्धि के लिए रोजाना सुबह-शाम घरों में घी, तेल के दीये जलाना, 146वां कार्य मोबाइल से दूर रहकर शाम 7 से 9 बजे तक परिवार को समय देना और 147वां कार्य नेत्रहीनों की परीक्षाएं देने की सेवा करना है।
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