Heatwave Alert : सरसा (सच कहूँ/सुनील वर्मा)। प्रदेश में भीषण गर्मी और लू का प्रकोप शुरू हो चुका है। कई जिलों में पारा 43 डिग्री के पार हो गया है। डॉ. गोपालानी ने बताया कि ग्रीष्म ऋतु में सूर्य की किरणें धरती पर सीधे आती हैं। इससे धरती का तापमान बढ़ जाता है। धरती, वनस्पति और प्राणियों के शरीर में तीव्र ताप के कारण पानी अचूषन (सूखना) होता है। इस कारण शरीर में स्थित पित्त की तीव्र विकृति होती है, जिससे शरीर में तापमान बढ़ जाता है। शरीर का तापमान बढ़ने के कारण रक्त गाढ़ा हो जाता है। इससे मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी होती है। Heatstroke Protect
वहीं, ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और हृदय की गति भी बढ़ जाती है। गर्मी के इस मौसम में स्वयं को सुरक्षित रखना आवश्यक है। जरा सी लापरवही स्वास्थ्य के लिए काफी घातक सिद्ध हो सकती है। आयुर्वेद पद्धति के अनुसार लू (हीट वेव) का कारगर इलाज है। शाह सतनाम जी स्पेशलिटी हॉस्पिटल, सरसा के आयुर्वेद विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अजय गोपालानी ने बताया कि कुछ आवश्यक जानकारी से लू से बचा जा सकता है। आइए जानते हैं डॉ. गोपालानी से लू के कारण, लक्षण और उपचार संबंधी हेल्थ टिप्स।
विश्व मौसम संस्थान के अनुसार दिन का अधिकतम तापमान लगातार पांच दिनों तक सामान्य तापमान से 5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा हो जाए तो गर्मी का प्रकोप बढ़ जाता है। लिहाजा बहने वाली हवा अत्यधिक गर्म हो जाती है जिसे लू कहते हैं। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार यदि किसी स्थान का अधिकतम तापमान लगातार दो दिनों तक 45 डिग्री सेल्सियस के ऊपर बना रहता है, तो इसे लू की दशा माना जाता है। Protect Heatstroke
लू लगने पर क्या करें? | Heat stroke Protect
पुदीने के पत्तों को चबाकर खाने से राहत मिलती है। साथ ही पुदीने के पत्तों को मुंह और सीने पर मलने से भी फायदा होता है।
रोगी के बदन को गीले कपड़े से पोंछना चाहिए। ऐसा करने से त्वचा के छिद्रों के माध्यम से शरीर को पानी की पूर्ति होती है।
केरी का पाना, जिसमें शक्कर, काला नमक, पुदीना, जीरा मिलाकर पीने से भी फायदा होता है।
दही में प्याज के छोटे टुकड़े खाना, काला नमक, सूखा पुदीना, शक्कर मिलाकर खाने से भी राहत मिलती है।
गोंद कतीरा, ब्राह्मी शरबत, गुलाब का शरबत, नींबू की शिकंजी इनका भी भरपूर इस्तेमाल कर सकते हैं।
सूखे मेवे में किशमिश, दाख-मुनक्का, अंजीर आदि रात भर भिगोकर सुबह-सुबह खाली पेट ले सकते हैं।
लू की वजह से अगर अचानक से शरीर में चकत्ते बन जाए तो पेट भर के तरबूज का सेवन करें।
लू से ऐसे करें बचाव | Heat stroke Protect
गर्मी में भूखे-प्यासे घर से बाहर न निकलें।
बार-बार पानी पीना चाहिए।
हल्के सूती कपड़े पहनना चाहिए।
घर से बाहर निकलते वक्त शरीर को कपड़े से ढंक कर रखें। सिर और चेहरे को भी कपड़े से ढंक कर रखना चाहिए।
तेज गर्मी में लंबी यात्रा करने से बचना चाहिए।
भोजन में गरम मसाले का ज्यादा उपयोग नहीं करना चाहिए।
इस मौसम में खाना अधिक नहीं खाना चाहिए, लेकिन बार-बार थोड़ा-थोड़ा खाना आवश्यक है।
डिब्बा बंद, बासी खाना और जंक फूड ना खाएं।
दही, छाछ, लस्सी, शरबत, गन्ने का रस, श्रीखंड, शिकंजी आदि शीतल पेय पदार्थ का उपयोग भी लाभदायक है।
आम का पाना, जौ की राब, दाणी का सत्तू का सेवन भी फायदेमंद है।
साथ ही आंखों पर रंगीन चश्मा लगाकर ही धूप में बाहर निकलना चाहिए।
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