Nominee Rules: निवेशक की मौत के बाद म्यूचुअल फंड निवेश कैसे करें, जानें नॉमिनी से जुड़े नियम

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Nominee Rules: निवेशक की मौत के बाद म्यूचुअल फंड निवेश कैसे करें, जानें नॉमिनी से जुड़े नियम

बैंकिंग में, नामांकित व्यक्ति वह व्यक्ति होता है जिसे किसी के निधन पर उसके बैंक खाते में राशि प्राप्त करने के लिए नामित किया जाता है। आप आम तौर पर अपने व्यक्तिगत रूप से रखे गए बैंक खातों पर केवल एक ही नामांकित व्यक्ति को नियुक्त कर सकते हैं। एक नामांकित व्यक्ति कानूनी उत्तराधिकारी हो भी सकता है और नहीं भी। कानूनी उत्तराधिकारी के अधिकार नामांकित व्यक्ति के अधिकारों से अधिक होते हैं। नामांकित व्यक्ति निधियों के ट्रस्टी के रूप में कार्य करता है और उसे उन्हें कानूनी उत्तराधिकारी को हस्तांतरित करना होगा।

आप आम तौर पर संपत्ति बनाते हैं ताकि आपकी अगली पीढ़ी वित्तीय सुरक्षा का जीवन जी सके। आपको यह सुनिश्चित करने में सक्षम बनाने के लिए कि आपके आश्रितों को उनका हक न मिले, बैंक नामांकन सुविधा प्रदान करते हैं। बचत खाता या सावधि जमा खाता खोलते समय, आपको विभिन्न अनुभागों वाला एक फॉर्म भरना होगा, जिनमें से एक नामांकन घोषणा अनुभाग है। यह सुविधा सभी प्रकार के वित्तीय निवेश और संपत्तियों के साथ प्रदान की जाती है। इस लेख में, हमने उन कारणों पर प्रकाश डाला है कि आपको बैंक खाता नामांकित व्यक्ति क्यों नियुक्त करना चाहिए। हाल ही में एसईबीआई ने निवेशक की मृत्यु की स्थिति में दी जाने वाली सूचना से सम्बंधित नियमों में बदलाव हुए है जो कि 1 जनवरी 2024 से लागू हो जाएंगे। इन नियमों को जान लेना आप सभी के लिए जरूरी है।

सूचना व वेरिफिकेशन की प्रक्रिया होगी आसान | Nominee Rules

एसईबीआई ने निवेशक की मौत की सूचना व उसके वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए नियमों बदलाव किया है। इसके तहत जॉइंट अकाउंट होल्डर, नॉमिनी, कानूनी सलाहकार या परिजन द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र व पीएन नंबर प्राप्त होने के एक दिन बाद आॅनलाइन या आॅफलाइन वेरिफिकेशन करना होगा। फिर नॉमिनी के पहचान पत्र की कॉपी, मृतक से संबंध और कांटेक्ट डिटेल्स देने होंंगे। यदि मृत्यु की सूचना के उपरांत किसी कारणवश सभी जरूरी दस्तावेज नहीं मिल पाते हैं तो निवेशक के केवाईसी स्टेटस को आॅन होल्ड करना होगा।

ज्वाइंट अकाउंट होने की स्थिति में

केवाईसी में बदलाव की सूचना कंपनी को देनी होगी व सभी दस्तावेज अपलोड करने होंगे। इसके साथ ही मृतक अकाउंट या पोर्टफोलियों से डेबिट की सुविधा बंद करनी होगी। ज्वाइंट अकाउंट होने की स्थिति में अकाउंट चालू रहेगा।

कंपनियां: सबसे पहले सिस्टम में आए दस्तावेज की जांच प्रक्रिया शुरू करनी होगी। और साथ ही निवेशक से जुड़े लोगों से इस संबंध में जानकारी जुटानी होगी। मृत्यु प्रमाणपत्र की जांच हो जाने के बाद कंपनी को अकाउंट पूरी तरह से बंद करना होगा व इसकी जानकारी सभी पक्षों को देनी होगी। यदि कागजों में कोई कमी पाई जाती है तो ङउ में बदलाव कर इसकी जानकारी मृतक से संबंधित लोगों को देनी होगी।

मृतक के सम्बंधियों को ये करना होगा

केवाइसी पूर्ण होने की सूचना मिलने पर उन्हें मृतक के खाते से जुड़ा कोई भी लेने देने नहीं करना होगा। यदि केवाईसी स्टेटस होल्ड पर बताया गया है तो उन्हें मांगे गए अन्य दस्तावेज मुहैया कराने होंगे।