आज से 117 साल पहले 17 दिसंबर 1903 के दिन राइट बंधुओं आॅरविल और विलबर ने उत्तरी कैरोलिना में राइट फ्लायर नामक विमान से सफल उड़ान भरी थी। विमान 120 फीट की ऊंचाई पर 12 सेकेंड तक उड़ा। हवाई जहाज का आविष्कार करने वाले राइट बंधु बचपन से ही कल्पनाशील थे और अपनी कल्पनाओं की उड़ान में उन्होंने हवाई जहाज बनाने का सपना देखना शुरू कर दिया था। अमेरिका के हटिंगटन स्थित यूनाइटेड ब्रेदेन चर्च में बिशप के पद पर कार्यरत उनके पिता ने बचपन में उन्हें एक खिलौना हेलीकॉप्टर दिया था जिसने दोनों भाइयों को असली का उड़न यंत्र बनाने के लिए प्रेरित किया।
कागज, रबर और बांस का बना हुआ यह हेलीकॉप्टर फ्रांस के एयरोनॉटिक विज्ञानी अल्फोंसे पेनाउड के एक अविष्कार पर आधारित था। दोनों में इस खिलौने को लेकर जबरदस्त उत्सुकता थी। दोनों रात दिन इस खिलौने से जब तक खेलते रहे तब तक ये टूट नहीं गया। 17 दिसंबर, 1903 को पहली बार पूर्ण नियंत्रित मानव हवाई उड़ान को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाले आॅरविल और विलबर राइट साइकिल की संरचना को ध्यान में रखकर अलग अलग कल पुर्जा जोड़कर हवाई जहाज का विकास करते रहे। उन्होंने कई बार हवा में उड़ने वाले ग्लाइडर बनाए और अंत में जाकर हवाई जहाज बनाने का उनका सपना सच हुआ। दोनों को मशीनी तकनीक की काफी अच्छी समझ थी जिससे उन्हें हेलीकॉप्टर के निर्माण में मदद मिली।
यह कौशल उन्होंने प्रिंटिंग प्रेसों, साइकिलों, मोटरों और दूसरी मशीनों पर लगातार काम करते हुए पाया था। दोनों ने 1900 से 1903 तक लगातार ग्लाइडरों के साथ परीक्षण किया था। राइट बंधुओं को अपने सपनों को साकार करने में उनके परिवार से भी पूरी मदद मिली। बता दें, राइट बंधुओं के अविष्कार को लेकर काफी विवाद भी हुए थे, फ्रांस की एक कंपनी ने भी इस तरह का आविष्कार करने का दावा किया लेकिन 1908 में पूरी दुनिया ने राइट बंधुओं के आविष्कार को मान्यता दे दी।
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