अस्पताल स्टाफ पर बच्चा बदलने का आरोप
हनुमानगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। टाउन के महात्मा गांधी स्मृति राजकीय जिला चिकित्सालय की नर्सरी में भर्ती एक नवजात बच्चे की मौत होने पर शुक्रवार को परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया। हंगामा कर रहे परिजनों ने गंभीर आरोप लगाया कि अस्पताल स्टाफ नर्सरी में भर्ती किसी अन्य बच्चे को उनका बच्चा बता उसकी देखभाल करवाता रहा। लेकिन शुक्रवार सुबह उनके बच्चे को मृत बता कोई और बच्चा उन्हें थमा दिया। परिजनों ने डीएनए जांच करवाने की मांग करते हुए इसकी शिकायत अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी से की।
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मीडिया से बात करते हुए गौतम शर्मा ने बताया कि गुरुवार सुबह करीब आठ बजे तबीयत खराब होने पर उसने अपनी गर्भवती पत्नी को राजकीय जिला चिकित्सालय में भर्ती करवाया। दोपहर करीब 1 बजकर 40 मिनट पर नॉर्मल डिलीवरी होने पर पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया। जन्म के समय बच्चे के मुंह में पानी चला गया। उसके चलते अस्पताल स्टाफ ने बच्चे को नर्सरी में भर्ती कर लिया। कुछ समय बाद उसे बच्चे का डायपर बदलने के लिए बुलाया गया। उसने तीन-चार बार अस्पताल स्टाफ के साथ नर्सरी में जाकर बच्चे के डायपर बदले व देखभाल की। लेकिन शुक्रवार सुबह करीब छह बजे अस्पताल स्टाफ ने फोन कर बुलाया और जानकारी दी कि उसके बच्चे की मौत हो गई है।
लेकिन जब वह नर्सरी में गया तो वहां पता चला कि अस्पताल स्टाफ के बताए अनुसार जिस बच्चे के उसने तीन-चार बार डायपर बदले वह सही हालत में भर्ती था, जबकि जिस बच्चे की मौत हुई वह और था। अस्पताल स्टाफ की ओर से मृत बच्चे को उसका बच्चा बताया गया। अगर अस्पताल स्टाफ उसे पहले ही यह बता देता कि उसके बच्चे की हालत खराब है तो वह उसे किसी अन्य अस्पताल में ले जाकर इलाज करवा देता। अस्पताल स्टाफ की लापरवाही के कारण उसके बच्चे की जान चली गई। साथ ही कहा कि मृत बच्चा उनका है या नहीं, इसका पता लगाने के लिए डीएनए जांच करवाई जाएगी।
उन्होंने आशंका जताई कि अस्पताल स्टाफ की ओर से रुपए लेकर उनका बच्चा बदला गया होगा। स्वस्थ बच्चे की जगह किसी और का मृत बच्चा उन्हें पकड़ा दिया। उन्होंने इसमें अस्पताल स्टाफ की मिलीभगती होने का आरोप लगाया। उधर, जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. मुकेश कुमार पोटलिया का इस प्रकरण पर कहना था कि बच्चा बदलने की शिकायत उन्हें प्राप्त नहीं हुई। बकायदा नर्सरी में भर्ती बच्चों के टैग लगाए जाते हैं ताकि ऐसी स्थिति पैदा न हो। स्टाफ पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए जा रहे हैं। इसकी जांच करवाने के लिए जांच कमेटी गठित की जा रही है। जांच में स्टाफ की लापरवाही सामने आने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
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