रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने यथावत रखीं दरें | Cheap Loan
नई दिल्ली (एजेंसी)। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने महंगाई बढ़ने की आशंका जता दी है। वीरवार को समिति ने नीतिगत दरों को यथावत बनाये रखने का निर्णय लिया। जिससे घर, कार और व्यक्तिगत ऋण पर ब्याज दरों में तत्काल कमी (Cheap Loan) आने की उम्मीद खत्म हो गई। इससे लोगों को निराशा हाथ लगी है। समिति की चालू वित्त वर्ष की ऋण एवं मौद्रिक नीति की छठी द्विमासिक समीक्षा की तीन दिवसीय बैठक हुई। जिसमें समिति ने नीतिगत दरों को यथावत रखा है। जबकि चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा महंगाई के बढ़कर 6.5 प्रतिशत पर पहुंचने का अनुमान है।
वहीं समिति ने अगले वित्त वर्ष के पहले के विकास अनुमान 5.9 प्रतिशत से 6.3 प्रतिशत को कम कर 6.0 प्रतिशत कर दिया है। और कहा है कि अगले वित्त वर्ष की पहली छमाही के यह 5.5 प्रतिशत से 6.0 प्रतिशत के बीच रह सकता है। समिति ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 6.2 प्रतिशत विकास दर रहने की संभावना जतायी है।
समिति ने ये लिए निर्णय
- रेपो दर को 5.15 प्रतिशत
- रिवर्स रेपो दर को 4.90 प्रतिशत
- मार्जिनल स्टैंडिंग फैसेलिटी दर (एमएसएफआर) 5.40 प्रतिशत
- बैंक दर 5.40 प्रतिशत
- नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को 4.0 प्रतिशत
- वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) को 18.50 प्रतिशत पर यथावत बनाए रखने का निर्णय लिया।
क्या है रेपो दर
रेपो दर वह दर है जिस पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को ऋण देता है।
पहले उठाए गए कदम
- रिजर्व बैंक ने लगातार पांच बार में रेपो दर में 1.35 प्रतिशत की कटौती की थी।
- पांचवी और छठवीं बैठक में इसमें कोई कमी नहीं की गई है और दरों को यथावत रखा गया है।
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