- मंडियों में मंूग की दाल का सीजन शुरू होते ही आमद ने पकड़ा जोर
लुधियाना/जगरायों(जसवंत राय)। एशिया की दूसरी बड़ी मंडी जगराआें की अनाज मंडी में हर जिले में से मूंग की दाल की आमद होती है। जिससे यह मंडी पंजाब में मूंग की दाल की हब बन गई है। इस बार मूंग की दाल का सीजन शुरू होते ही आमद ने तो जोर पकड़ लिया है परंतु किसानों को मूंग की दाल का भाव उम्मीद की अपेक्षा कम मिलने कारण उनमें निराशा पाई जा रही है।
एक अरब की मूंग की दाल हर साल इस मंडी में आने के बावजूद किसानों को समर्थन मूल्य न मिलने के कारण लाखों का घाटा सहना पड़ता है। मध्य प्रदेश, राजस्थान व महाराष्टÑ की तरह पंजाब में भी मूंग की दाल समर्थन मूल्य पर खरीदने की मांग को लेकर संघर्षशील आढ़तियों व किसानों का वफद अध्यक्ष सुरजीत सिंह कलेर व जिला उप अध्यक्ष राज कुमार भल्ला के नेतृत्व में पिछले दिनों खाद्य व सिविल सप्लाई विभाग के मंत्री भारत भूषण आशु से मुलाकात की।
विवरणों अनुसार बैठक दौरान मूंग की दाल की खरीद सरकारी भाव पर करने के लिए केंद्र सरकार तक पहुंच करने का फैसला लिया गया।
व्यापारियों द्वारा प्रतिदिन खरीदी जाती है 2-3 करोड़ की मूंग की दाल
सिद्धू ने बताया कि जगरायों मंडी में रोजमर्रा की दो से तीन करोड़ रुपए की मूंग की दाल व्यापारियों द्वारा खरीदी जाती है। इस पर आढ़ती आगे किसानों को उतने दिन देरी के साथ अदायगी करने के लिए मजबूर होते हैं। पिछले वर्ष जगराआें मंडी में एक लाख 87 हजार क्विंटल मंूग की दाल की आमद हुई जिसकी कीमत एक अरब से ऊपर बनती है। हर वर्ष औसतन सौ करोड़ के करीब की मूंग की दाल स्थानीय मंडी में आती है। तीन राज्यों में यही मंूंग की दाल 5560 के सरकारी भाव पर खरीदी जाती है, जिसमें 340 रुपये प्रति क्विंटल बोनस जुड़ता है।
इसी तरह वहां किसानों को 5900 रुपये भाव मिलता है जबकि यहां व्यापारी 4500 से 4800 रुपये देते हैं। एक क्विंटल पीछे किसान को एक हजार रुपए का घाटा बर्दाश्त करना पड़ रहा है। कैबिनेट मंत्री आशु ने कहा कि मामला ध्यान में आने के बाद पंजाब सरकार जल्द ही केंद्र सरकार तक अन्य तीन राज्यों की तरह पंजाब में से भी मूंग की दाल समर्थन मूल्य पर सरकार की तरफ से खरीद करने की मांग करेगी, जिससे किसानों को आर्थिक लाभ मिल सके।
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