जापान में एक चोर एक अमीर के घर चोरी करने घुसा। सेठ सोया हुआ था। यह देखकर चोर ने सारा कीमती सामान एक बैग में भरा। तभी सेठ की नींद टूट गई। वह डरते-डरते दूसरे कमरे की ओर बढ़ा। वहां चोर को कीमती सामान बैग में भरते देखकर सेठ की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई। उसे समझ नहीं आ रहा था कि चोर को काबू कैसे करे। फोन भी उसी कमरे में था, जहां चोर सामान बटोर रहा था।
तभी उसकी नजर पलंग के पास रखे ग्रामोफोन पर जा पहुंची। उसके दिमाग ने तेजी से काम किया और उसने ग्रामोफोन पर जापान के राष्ट्र गान का रिकॉर्ड लगा दिया। चोर ने जब अपने देश के राष्ट्र गान की धुन सुनी तो वह फौरन सावधान की मुद्रा में खड़ा हो गया। चोर को उस मुद्रा में देख कर सेठ ने चोर के हाथ-पांव बांध दिए और पुलिस को फोन कर दिया। पुलिस ने आकर चोर को गिरफ्तार कर लिया। गवाही के लिए अमीर को अदालत बुलाया।
सेठ ने बताया कि किस प्रकार उसने राष्ट्र गान की धुन बजाकर चोर को पकड़ा था। अदालत के साथ-साथ वहां उपस्थित लोग भी चोर का राष्ट्र प्रेम सुनकर दंग रह गए। चोर ने चोरी की अपनी मजबूरी बताई तो अदालत ने उसे बाइज्जत बरी कर दिया, लेकिन अमीर को दो साल की सजा सुना दी। अमीर हैरानी से बोला,’पर मैंने क्या अपराध किया है?’ जज ने कहा, ‘तुमने राष्ट्र गान का अपमान किया है। राष्ट्र गान के समय तुम सावधान की मुद्रा में खड़े न होकर चोर को बांध रहे थे।’ यह सुनकर सेठ ने अदालत से माफी मांगी।
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