सरसा। परम पिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज के 104वें पावन अवतार माह पर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की बेटी ‘रूह दी’ हनीप्रीत इन्सां ने ट्वीट कर सभी साध-संगत को शुभकामनाएं दी। दीदी ने लिखा, ‘ इस भूमि पर उतरने के लिए धन्यवाद भगवान, हमें ज्ञान का यह मार्ग दिखाने के लिए धन्यवाद। आपके द्वारा हमारे जीवन में लाए गए परिवर्तन के लिए कृतज्ञता के कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं हो सकते। #ShahSatnamJiMaharaj के #104वें अवतार माह की हार्दिक शुभकामनाएं
Thank you Lord for descending upon this land, Thank you for showing us this path of enlightenment. No amount of words of gratitude can be enough for the transformation you brought in our lives. Happy #104thIncarnationMonth of #ShahSatnamJiMaharaj pic.twitter.com/dNKwoj8hgq
— Honeypreet Insan (@insan_honey) December 31, 2022
सतनाम कुल मालिक, अपना स्वरूप बनाया
28 फरवरी 1960 को पूजनीय बेपरवाह जी के हुक्मानुसार पूजनीय परम पिता जी को सिर से पैरों तक नए-नए नोटों के लम्बे-लम्बे हार पहनाकर जीप पर पूरे सरसा शहर में एक बहुत ही प्रभावशाली शोभा-यात्रा(रूहानी जुलूस) निकाली गई। ताकि पूरी दुनिया को भी पता चले कि पूजनीय बेपरवाह मस्ताना जी महाराज ने श्री जलालआणा साहिब के सरदार सतनाम सिंह जी को डेरा सच्चा सौदा में अपने उत्तराधिकारी के रूप में विराजमान किया है। इस शहनशाही जुलूस में आश्रम का हर जीव शामिल था। जुलूस की वापसी पर पूज्य शहनशाह जी ने वचन फरमाया कि आज से सरदार हरबंस सिंह जी को सतनाम कुल मालिक बना दिया वो सतनाम कुल मालिक, जिसके सहारे ये सब खण्ड-ब्रह्मण्ड खड़े हैं।
पूजनीय बेपरवाह मस्ताना जी महाराज ने पूजनीय परम पिता जी को स्टेज पर अपने साथ बिठाकर सरेआम साध-संगत में फरमाया ये वोही सतनाम है जिसे दुनिया जपदी-जपदी मर गई। असीं इन्हें सच्चे दाता सावण शाह साई के हुक्म से अर्शाें से लाकर तुम्हारे सामने बिठा दिया है। जो इनके पीठ पीछे से भी दर्शन कर लेगा वो भी नर्काें में नहीं जाएगा। उसका भी उद्धार ये अपनी रहमत से करेंगे।
पूजनीय परम पिता जी ने डेरा सच्चा सौदा में बतौर दूसरे पातशाह के रूप में गद्दीनशीन होकर लगभग 31 वर्ष तक साध-संगत रूपी फुलवाड़ी को अपने अंतर-हृदय का प्रेम बख्शा, अपने रहमो करम के अमृत से इस प्रकार सींचा है कि समस्त साध-संगत तन, मन, धन से बलिहार है। आप जी की इस अपार रहमत सदका डेरा सच्चा सौदा दुनिया-भर में सूर्य के समान प्रकाशवान है। आप जी की पावन प्रेरणाओं से ही ये डेरा सच्चा सौदा दरबार अपनी सच्चाई, सफाई, ईमानदारी, अपनी निर्भरता और परमार्थी कार्याें, निष्काम सेवा-कार्याें तथा समाज व लोक-भलाई कार्याें के लिए दुनिया भर में मशहूर है। आप जी ने लाखों लोगों (11 लाख से भी ज्यादा) को नाम-शब्द प्रदान कर बुराईयों से मुक्त कर उन्हें आदर्श, पाक-पवित्र जीवन प्रदान किया तथा उनके लोक-प्रलोक को संवारा है।
पूजनीय परम पिता जी ने 23 सितम्बर 1990 को पूजनीय मौजूदा गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को स्वयं डेरा सच्चा सौदा की गुरगद्दी पर बतौर तीसरे पातशाह विराजमान किया। डेरा सच्चा सौदा आप जी की पाक-पवित्र प्रेरणाओं से पूजनीय गुरु जी के पावन मार्ग दर्शन में मानवता व समाज भलाई का प्रयाय बना हुआ है। आज पूरी दुनिया में डेरा सच्चा सौदा का नाम है। पावन अवतार दिवस की लख-लख बधाई हो जी।
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