पानीपत (सच कहूँ/सन्नी कथूरिया)। आधुनिकता युग में जहां लोग मोह, माया और स्वार्थ के वशीभूत होते जा रहे हैं, वहीं वे अपनों को धोखा देने से भी नहीं कतरा रहे हैं। इससे लोगों में इंसानियत और ईमानदारी खत्म होने लगी है। लेकिन पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणा से हरियाणा के जिला पानीपत के ब्लॉक काबडी डेरा श्रद्धालु मूलचंद इन्सां निवासी दीनानाथ कॉलोनी ने साबित कर दिया है कि आज के समय में भी कहीं न कहीं ईमानदारी जिंदा है। Honesty
उन्होंने बताया कि वह शहर के हरि सिंह चौक पर सब्जी की रेहड़ी लगाते हैं, उनकी रेहड़ी पर एक महिला सब्जी लेने आई और उसी दौरान वह अपना पर्स रेहड़ी पर ही भूल गई, जब मूलचंद इन्सां ने उस पर्स को देखा तो उन्होंने अपने आस-पास उसके असली मालिक उस महिला का पता लगाने की कोशिश की। लेकिन वह नहीं मिली। ऐसे में मूलचंद ने वह पर्स अपने पास रख लिया। अगले दिन वह महिला स्वयं ही पर्स ढूंढते हुए उसी रेहड़ी पर आती है तो पर्स के बारे में पूछती है।
मूलचंद इन्सां उक्त महिला से निशानी पूछकर पर्स सुरक्षित उनके हवाले कर देते हैं। पर्स की मालिक बहन दौलता ने कहा कि पर्स गिरने के बाद से वह बहुत परेशान हो गई थी, क्योंकि उसमें नगद राशि सहित सोने की ज्वैलरी थी। पर्स में सारा सामान देखकर उक्त महिला ने पूज्य गुरु की पावन शिक्षाओं की बहुत तारीफ की और साथ ही पूज्य गुरू जी एवं उनके शिष्यों का भी कोटि-कोटि धन्यवाद किया। Honesty
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