गर्मी के मौसम में सुबह जल्दी उठें और ताजी हवा में सैर करें, पानी पीकर हल्की कसरत व योगा करें | Kurukshetra News
कुरुक्षेत्र (सच कहूँ/देवीलाल बारना)। Heat Wave: हीट वेव के चलते जनजीवन अस्त व्यस्त है। हीट वेव से बचने के लिए जहां सावधानी ही सबसे बड़ा उपचार हैं वहीं हीट वेव की चपेट में आने की स्थिति में होम्योपैथिक प्रणाली भी कारगर तरीका है। गर्मी के मौसम में लगने वाली बीमारियां हैजा, लू लगना, मियादी बुखार, सांस तकलीफ, मलेरिया, डेंगू, जोड़ों का दर्द व स्वाइन फ्लू आदि के इलाज में होम्योपैथी प्रणाली के अनुसार लक्षणों की सही ढंग से पड़ताल कर इलाज करें तो रोगी जल्द ठीक हो सकता है। Kurukshetra News
इसके साथ ही रोजाना जिंदगी में कुछ तब्दीली लाई जाए तो बिना किसी बीमारी के तंदरुस्त जीवन गुजारा जा सकता है। इस बारे में दैनिक सच कहूँ द्वारा श्री कृष्णा आयुष विश्वविद्यालय की होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. कुलजीत कौर से बात की। उन्होने होम्योपैथिक दवाओं को हीट वेव के लिए कारगर बताया। Kurukshetra News
गर्मी लगने पर क्या करें?
डॉ. कुलजीत कौर का कहना है कि होम्योपैथिक दवा ग्लोनाइन अचानक लगने वाली गर्मी, सिरदर्द और चक्कर के लिए बेहद उपयोगी है। बेलाडोना मेडिसिन त्वचा का लाल होना, तेज बुखार और दिल की धड़कन तेज होने पर उपयोगी सिद्ध हो सकती है। बैट्रम क्यूर अत्यधिक पसीना आने और कमजोरी के लक्षण के लिए उपयोगी है। ब्रायोनिया सूखा मुंह, जल्दी जल्दी प्यास लगाना और गर्मी के कारण होने वाले शरीर दर्द में लाभकारी है।
पूरी तरह सुरक्षित पद्धति है होम्योपैथी : डा. कुलजीत
डॉ. कुलजीत कौर ने बताया कि होम्योपैथी एक पूरी तरह सुरक्षित चिकित्सा पद्धति है इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। अन्य चिकित्सा में कई बार लंबे वक्त तक दवा का सेवन करने पर व्यक्ति दवाओं पर निर्भर हो जाता है। मगर होम्योपैथी दवाओं के सेवन करने के बावजूद व्यक्ति इनका एडिक्ट नहीं होता। उन्होंने बताया कि होम्योपैथी दवाएं अपनी प्रकृति में ज्यादा आक्रामक नहीं होती। इसलिए यह गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए पूरी तरह सुरक्षित है। डायबिटीज के रोगियों के लिए होम्योपैथी चिकित्सा काफी फायदेमंद है। डायबिटीज के रोगियों के लिए सभी प्रकार की दवाएं नहीं दी जा सकती लेकिन होम्योपैथी दवाएं उसके लिए पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
घरेलू उपचार अपनाएं | Kurukshetra News
कुछ सुरक्षित घरेलु उपाय अपनाकर भी हीट वेव से बचा जा सकता है। इस दौरान अधिक मात्रा में पानी पीएं, नींबू पानी और नारियल पानी पीएं यह शरीर को ठंडा रखते हैं और इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को बनाए रखने में मदद करते है। इसके साथ ही मैंगों जूस का सेवन करें, मटके का पानी पीएं यह पानी प्राकृतिक रूप से ठंडा होता है और शरीर को भी ठंडक प्रदान करता है। मौसमी फल और सब्जियों का प्रयोग ज्यादा करें।
डा. कुलजीत कौर के अनुसार गर्मी के मौसम में सेहत की संभाल के लिए सुबह जल्दी उठकर ताजी हवा में कुछ देर सैर करने के बाद ताजा पानी पीकर हल्की कसरत व योगा करना चाहिए। अपने ज्यादातर कार्य सुबह और शाम को ही करने चाहिए। अगर दोपहर तेज धूप में जाना भी पड़े तो आंखों पर काला चश्मा व सिर को सूती कपड़े से ढक कर बाहर जाना चाहिए। इन उपायों को अपनाकर हीट वेव से खुद को सुरक्षित रखा जा सकता है। Kurukshetra News
30 करोड़ से ज्यादा लोगों का होम्योपैथी पर भरोसा | Kurukshetra News
डा. कुलजीत कौर का कहना है कि दुनियाभर में 30 करोड़ से ज्यादा लोग होम्योपैथी पर भरोसा करते हैं। यह बीमारियों का पता लगाने व उसके इलाज का विश्वसनीय तरीका है, इसके साथ ही बीमारी को दबाने की बजाय उसे जड़ से खत्म करने के लिए होम्योपैथी आज भी ज्यादा भरोसेमंद मानी जाती है।
यह चिकित्सा पद्धति एक नायाब विचार लाइक क्योर लाइक पर आधारित है यानी वही रोग वही इलाज। किसी पदार्थ से अगर स्वस्थ व्यक्ति में बीमारी होने लगती है तो अगर वही पदार्थ उसे थोड़ी मात्रा में दिया जाए तो वह ठीक हो सकता है। दरअसल होम्योपैथी चिकित्सा विशेष चिकित्सा विज्ञान है। जिसके अनुसार शरीर में खुद को ठीक करने की पूर्ण क्षमता होती है।