कई अधिकारियों पर केस दर्ज करने के दिए निर्देश
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करीब दो साल बाद हुई जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक
सरसा (सच कहूँ/सुनील चक्का)। करीब दो साल बाद जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक लेने पहुंचे प्रदेश के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज एक्शन मोड़ नजर आए। शुक्रवार को स्थानीय पंचायत भवन में आयोजित बैठक में 16 शिकायतें रखी गई। जिनमें से आठ पुरानी और आठ नई शिकायतें थी। इनमें से अधिकतर शिकायत पुलिस विभाग के खिलाफ थी। जिनमें पुलिस जांच में लापरवाही मिलने पर गृहमंत्री ने एएसआई सूबे सिंह, सोमित कुमार, एएसआई जगजीत सिंह, एएसआई तारा चंद को सस्पेंड करने के आदेश दिए। ऐलनाबाद ब्लॉक पंचायत ऑफिसर को उनकी लापरवाही के चलते सस्पेंड करने के निर्देश दिए। इसके अलावा लापरवाही बरतने के मामले में सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की। स्वास्थ्य विभाग से जुड़े मामले में उन्होंने मेडिकल बोर्ड से जांच करवाने के निर्देश दिये। वहीं जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग में नकली केबल डाले जाने मामले में एसडीओ के खिलाफ मामला दर्ज करने के निर्देश दिये।
पुलिस महकमे पर सख्ती दिखाते हुए गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि पुलिस की कार्यप्रणाली के कारण लोग तंग और 200 किलोमीटर से शिकायतें लेकर लोग उनके पास आते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को तारीख पर तारीख मिलती है, पर इंसाफ नहीं मिलता। पहले मामले में पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि 11 साल में आप इस निष्कर्ष तक नहीं पहुंच सके कि करना क्या है? इस मामले में जांच अधिकारी सूबे सिंह को सस्पेंड करने और उसके खिलाफ एविडेंस खत्म करने का मुकद्दमा दर्ज करने के निर्देश दिये। गृहमंत्री ने कहा कि पांच सालों में सरकारें बदल गई। लेकिन यहां 11 सालों से इंक्वायरी चल रही है।
चाहे चपड़ासी बना दें, पर इज्जत से काम करूंगा : अनिल विज
वहीं विभाग बदले जाने संबंधी एक सवाल के जवाब में अनिल विज ने कहा कि ये मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। किसकों मंत्री बना दे, किसको विभाग दे। उन्होंने कहा कि वे पार्टी के वफादार कार्यकर्ता है। पार्टी जो भी चाहे वो करे, उन्होंने कभी विभाग या पद नहीं मांगा। भाजपा के दफ्तर का चपड़ासी भी बना दे तो बनने को तैयार हूँ। परंतु इज्जत के साथ काम करूंगा।
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