- पावन भंडारा। यूपी में धूमधाम से मनाया जाएगा पूजनीय परमपिता शाह सतनाम जी महाराज के अवतार माह
- पूज्य गुरु जी बरनावा पधारे
- साध-संगत ने घी के दीये जलाकर व आतिशबाजी के साथ किया स्वागत
- मानवता भलाई कार्यों में अग्रणी ब्लॉकों के सेवादारों का सम्मान
बरनावा(सच कहूँ न्यूज)। नव वर्ष 2017 के साथ पूजनीय परमपिता शाह सतनाम जी महाराज के पवित्र अवतार माह का आगाज व उत्तर प्रदेश के जिला बागपत के बड़ौत अंतर्गत पांडव नगरी बरनावा स्थित शाह सतनाम जी आश्रम में पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां का पावन आगमन यूपी व उत्तराखंड की साध-संगत के लिए खुशियों की सौगात लेकर आया। शनिवार को जैसे ही पूज्य गुरु जी बरनावा पधारे तो साध-संगत की खुशियों का ठिकाना नहीं रहा। पूज्य गुरु जी के पावन आगमन पर स्थानीय साध-संगत ने घी के दीये जलाकर व ढ़ोल-नगाड़ों की थाप पर नाच गाकर व आतिशबाजी के साथ स्वागत किया।
आश्रम का चप्पा-चप्पा चमक उठा। हर कोई अपने मुर्शिद की एक झलक पाने को बेताब दिखाई दे रहा था। इस अवसर पर पूज्य गुरु जी ने दर्शनाभिलाषी साध-संगत को दर्शन देकर निहाल किया तथा उनका कुशल-क्षेम भी जाना। रूहानी मजलिस के दौरान पूज्य गुरु जी ने मानवता भलाई कार्यों में अग्रणी ब्लॉकों के सेवादारों को ट्रॉफियां प्रदान कर सम्मानित किया। वहीं आज आश्रम में डेरा सच्चा सौदा के दूसरे गद्दीनशीन पूजनीय परमपिता शाह सतनाम जी महाराज के पावन अवतार माह का पवित्र भंडारा धूमधाम व हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है पावन भंडारे को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं तथा आश्रम में साध-संगत के आगमन का सिलसिला जारी है। शनिवार देर सांय तक उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व आस-पास से लाखों की तादाद में साध-संगत आश्रम पहुुुुुंच चुकी थी। पावन भंडारे के मद्देनजर आश्रम को बड़े ही शानदार ढ़ंग से सजाया गया है। आश्रम की सुंदरता देखते ही बन रही है। आश्रम की ओर आने वाले सभी मार्गों पर स्वागती द्वार बनाए गए हैं। पावन भंडारे के शुभ अवसर पर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां रूहानी सत्संग फरमाएंगे व गुरूमंत्र की अनमोल दात प्रदान करेंगे। इस अवसर पर रूहानी जाम भी पिलाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज ने 25 जनवरी 1919 को पूजनीय पिता वरियाम सिंह जी व पूजनीय माता आस कौर जी के घर श्री जलालआना साहिब में अवतार धारण किया। डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु जनवरी माह को पर्व के रूप में मनाते हैं व मानवता भलाई के कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं।