NIA की मोस्ट वांटेड लिस्ट में हिजबुल मुजाहिद्दीन
वॉशिंगटन:US स्टेट डिपार्टमेंट ने हिजबुल मुजाहिद्दीन (HM) के चीफ सैयद सलाहुद्दीन को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कर दिया। मोदी और ट्रम्प की पहली मुलाकात से चंद घंटों पहले लिए गए इस फैसले को भारत के लिए कामयाबी माना जा रहा है।
बता दें कि कश्मीर में बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद हुए ज्यादातर आतंकी हमलों, पत्थरबाजी और प्रदर्शनों में हिजबुल का हाथ माना जा रहा है। सलाहुद्दीन ने बुरहान वानी को शहीद बताया था, वो NIA की मोस्ट वांटेड लिस्ट में भी है।
सैयद सलाउद्दीन उस जमात का चेहरा है, जिसने जेहाद के नाम पर ज़मीन की जन्नत को जहन्नुम बना दिया। लेकिन अब पाकिस्तान की छत्रछाया में पल रहे आतंक के औजारों के लिए खतरे की घंटी बज गई है।
मोदी और ट्रंप के हाथ मिलाने से पाकिस्तान में खलबली मचना तय है। परेशानी पाकिस्तीनी हुकुमत की भी बढ़ेगी और उसकी शह पर भारत में मासूमों का ख़ून बहाने वालों की भी। सलाउद्दीन के अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित होते ही अमेरिका में उसकी संपत्तियां जब्त हो जाएंगी।
बेटे को इंडियन आर्मी ने बचाया था
- सलाहुद्दीन के सबसे छोटे बेटे मुनीद को इंडियन आर्मी ने हिजबुल के ही आतंकी हमले के दौरान बचाया था।
- फरवरी 2016 में पंपोर में हुए आतंकी हमले में 3 टेररिस्ट मारे गए थे और 5 जवान शहीद हुए थे।
- अंग्रेजी अखबार मेल टुडे के मुताबिक इस हमले में 100 से ज्यादा लोग बचाए गए थे।
अमेरिका ने पाक को दिया साफ संदेश
पाकिस्तान केवल भारत के खिलाफ ही साजिशें नहीं रच रहा बल्कि अफगानिस्तान में हक्कानी नेटवर्क और तालिबान के जरिए भी आतंकी साज़िश को अंजाम दे रहा है। पिछले दिनों अफगानिस्तान में तालिबान पर सबसे बड़ा बम गिरा कर ट्रंप आतंकवाद पर अपने इरादे ज़ाहिर कर चुका है।
सलाद्दीन को अंतरराष्ट्रीय घोषित किए जाने से पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे बलोच नेता भी खुश हैं। अमेरिका ने साफ कर दिया है कि आतंक पर वो पाक की दलील नहीं सुनने वाला है।
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