
हरियाणा गठन के बाद हिसार से कांग्रेस के रामकिशन बने थे पहले सांसद, कांग्रेस ने 5 बार तो बीजेपी ने 1 बार जीत हासिल की | Hisar News
हिसार (सच कहूँ/संदीप सिंहमार)। Lok Sabha Election 2024: हिसार लोकसभा क्षेत्र में करीब 17 लाख 64 हजार मतदाताओं पर आधारित सियासी पिच सज चुकी है और यहां पर शुरुआती खिलाड़ी के रूप में भाजपा के रणजीत सिंह अभी अकेले मैदान में हैं। उनके चुनावी प्रचार का आगाज हो चुका है। कांग्रेस सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने अभी अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। अप्रैल माह की शुरुआत में राजनीतिक घमासान तेज़ होने की उम्मीद है। हरियाणा गठन के बाद 1967 में हुए चुनाव मे हिसार लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के रामकिशन ने सोशलिस्ट पार्टी के मनीराम को हराया। Hisar News
रामकिशन को 1 लाख 15 हजार 963 वोट मिले जबकि मनीराम को 1,08,784 वोट मिले। इसके बाद 1971 में हुए संसदीय चुनाव में 1977 के चुनाव में हिसार सीट से महज दो ही उम्मीदवार मैदान में थे। भारतीय लोकदल की लहर चल रही थी। भारतीय लोकदल से उम्मीदवार इंद्र सिंह ने कांग्रेस के जसवंत सिंह को 2 लाख 43 हजार 384 वोटों के बड़े अंतर से पराजित कर दिया। इसके बाद इस सीट पर मनीराम के एक युग का आगाज हुआ। जनता पार्टी सेक्लूर से साल 1980 में मनीराम ने 1,92,074 वोट प्राप्त करते हुए कांग्रेस के उम्मीदवार मनीराम को 93 हजार वोटों के अंतर से पराजित किया। उस चुनाव में जनता पार्टी के उम्मीदवार इंद्र सिंह को 93,228 वोट मिले।
जब बीरेंद्र सिंह पूर्व सीएम को दी थी मात | Hisar News
साल 1984 का चुनाव हिसार सीट पर बड़ा दिलचस्प रहा। चौधरी देवीलाल के बड़े बेटे ओमप्रकाश चौटाला ने पहली बार लोकसभा चुनाव में ताल ठोकी। उनके सामने हिसार सीट पर उम्मीदवार थे सर छोटू राम के नाती बीरेंद्र सिंह । बीरेंद्र सिंह ने 2 लाख 51 हजार 367 वोट लेते हुए चौटाला को करीब 51 हजार वोटों के अंतर से हराया। 1989 के चुनाव में बीरेंद्र सिंह ने हिसार सीट पर फिर से ताल ठोक दी। इस बार जनता दल की लहर के बीच जयप्रकाश ने उन्हें करीब 45 हजार वोटों से हरा दिया। 1991 के चुनाव में कांग्रेस के नारायण सिंह ने 2,33,012 वोट लेते हुए जनता पार्टी के जयप्रकाश को करीब 26 हजार वोटों से हराया।
तीन बार सांसद रहे चुके हैं जयप्रकाश उर्फ़ जेपी
कई बरस चौ. देवीलाल के साथ सियासत करने के बाद जयप्रकाश हरियाणा विकास पार्टी में आ गए थे और 1996 में जयप्रकाश ने हविपा की टिकट पर हिसार सीट से चुनाव लड़ा। जेपी 3,06,402 वोट लेते हुए एसएपी के गौरीशंकर को करीब पौने 2 लाख वोटों से हराते हुए दूसरी बार सांसद बने। साल 1998 के शुरूआत में देवीलाल ने समता पार्टी से किनारा करते हुए स्वयं का हरियाणा राष्ट्रीय लोकदल बना लिया। Hisar News
1998 के चुनाव में हिसार से हलोदरा के सुरेंद्र सिंह बरवाला ने हविपा के ओमप्रकाश जिंदल को हराया। 1999 में लगातार दूसरी बार सुरेंद्र बरवाला सांसद बने। इस बार उन्होंने कांग्रेस के बीरेंद्र सिंह को हराया। 2004 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर जयप्रकाश तीसरी बार लोकसभा में पहुंचे। जेपी ने इस बार सुरेंद्र बरवाला को हराया।
अब रणजीत सिंह मैदान में
साल 2009 में भजनलाल हिसार सीट से सांसद बने। 2011 में भजनलाल का निधन हो गया। अक्तूबर 2011 में हुए उपचुनाव में कुलदीप बिश्रोई ने अजय सिंह चौटाला को पराजित किया तो साल 2014 के चुनाव में दुष्यंत ने कुलदीप को हरा दिया। 2019 के चुनाव में तत्कालीन कांग्रेसी नेता कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को हराकर भाजपा की टिकट पर बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह सांसद बने। रोचक बात यह है कि वर्तमान में बृजेंद्र सिंह कांग्रेस में शामिल हो चुके है और कुलदीप बिश्नोई व उनके बेटे भव्य बिश्नोई अब भाजपा का दामन थाम चुके हैं। Hisar News
भव्य बिश्नोई वर्तमान में आदमपुर विधानसभा से विधायक है। उनके पिता कुलदीप बिश्नोई हिसार लोकसभा सीट से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे। पर भाजपा आलाकमान ने हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत सिंह को हिसार से मैदान में उतारा है। बीते दिवस भाजपा कार्यालय के उद्घाटन अवसर पर जहाँ प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सैनी व पूर्व मुख्यमंत्री मौजूद रहे थे,तब भी कुलदीप बिश्नोई समारोह में नहीं पहुँचे थे।
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