श्रीगंगानगर (सच कहूँ न्यूज)। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा देशभर के पुलिस थाना के किए गए सर्वे में श्रीगंगानगर जिले में पाकिस्तान सीमा पर अवस्थित गांव हिंदुमलकोट का थाना प्रदेश में पहले और देश में 10वें स्थान पर रहा है। इस उपलब्धि के लिए थाना स्टाफ को ही नहीं जिला पुलिस के आला अधिकारियों की प्रशंसा के साथ बधाई मिल रही हैं। पाकिस्तान बॉर्डर से महज आधा किमी की दूरी पर स्थित गांव हिंदुमलकोट का पुलिस थाना केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित मापदंड के दो दर्जन से अधिक बिंदुओं पर खरा उतरा है। सीआई संजीव चौहान (आरपीएस) 6 अगस्त 2022 को हिंदूमलकोट थाना के प्रभारी नियुक्त हुए। उन्होंने कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही थाने के कामकाज में व्यापक सुधार लाने पर काम शुरू कर दिया। थाना स्टाफ के कर्मचारियों के व्यवहार को बदलने में भी उन्होंने बड़ा योगदान दिया।
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क्षेत्र के लोगों से भी बेहतर समन्वय स्थापित कर पुलिस के प्रति लोगों की सोच को बदला। थाना क्षेत्र के सीमावर्ती गांव में नवाचार अपनाते हुए उन्होंने मित्र दल गठित किए। फलस्वरुप अपराध और अपराधियों पर नियंत्रण पाने में भी उनको खासी सफलता हासिल हुई।इसी बीच सितंबर के अंतिम सप्ताह में केंद्रीय गृह मंत्रालय के दल ने हिंदूमलकोट थाना का निरीक्षण कर सर्वे किया।क्षेत्र के लोगों से दल ने अपने स्तर पर बातचीत की। जानकारी के मुताबिक यह निरीक्षण और सर्वे तीन दिन चला। हिंदूमलकोट सहित राजस्थान के साथ 8 पुलिस थानों का केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सर्वे किया था। देश भर में 70 से अधिक थानों का केंद्रीय दल द्वारा सर्वे किए जाने की जानकारी मिली है। इसकी रिपोर्ट के आधार पर हिंदूमलकोट थाना को राजस्थान में नंबर वन रैंकिंग दी गई है। वहीं देश भर में इस थाने की रैंकिंग 10 रही है। 3 वर्ष पहले श्रीगंगानगर जिले का जैतसर थाना इस प्रकार के सर्वे में प्रदेश में नंबर वन रहा था।
विषम भौगोलिक स्थिति, कठिन चुनौतियां – हिंदुमलकोट थाना क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति काफी विषम और दुर्गम है। जिला मुख्यालय से लगभग 32 किमी दूर हिंदुमलकोट गांव के एक तरफ अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर है तो दूसरी तरफ पंजाब राज्य की सीमा है। इस थाना क्षेत्र का गांव खखां तो बिल्कुल अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास से होकर जाना आना पड़ता है। इस गांव के अंदर ही बीएसएफ की बॉर्डर पोस्ट है। इस गांव के दूसरी तरफ पंजाब तो इस तरफ पाकिस्तान है। बीच में एक छोटा गलियारा है, जो इसे भारत से जोड़ता है। इसी प्रकार रोहिडांवाली, मदेरां, कोनी, खाटलबाना, फतूही और दुल्लापुर केरी आदि गांव बिल्कुल अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे हैं।
यहां पर पुलिस को आंतरिक के साथ-साथ बाहरी गतिविधियों पर भी कड़ी नजर रखनी पड़ती है।सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), गृह रक्षा दल (बॉर्डर होमगार्ड) सहित अनेक खुफिया एजेंसियों के साथ भी तालमेल रखना पड़ता है। अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के लिए लगाई हुई तारबंदी के उस पार खेतों में काम करने जाने वाले भारतीय किसानों के साथ भी विश्वासिक संबंध रखने को भी प्राथमिकता देनी पड़ती है। ऐसी विषम परिस्थितियों में पुलिस ने बेहतर कामकाज तथा कार्यशैली से ना केवल लोगों का दिल जीता बल्कि केंद्रीय अध्ययन दल को भी प्रभावित किया, जिसके चलते इस थाने को यह उपलब्धि हासिल हुई है।
शानदार थाना भवन – केंद्रीय दल ने इस थाने के सीसीटीएनएस, लंबित प्रकरणों, एनडीपीएस और एक्साइज एक्ट की बड़ी कार्रवाई का अध्ययन किया गया। माल खाना की व्यवस्थाओं को कसौटी पर परखा। थाना भवन की अंदरूनी और बाहरी स्वच्छता,सुंदरता, हरियाली, जगह जगह कानूनी पहलुओं, प्रावधानों और अधिकारों की जानकारी देने के लिए लगाए गए फ्लेक्सी बोर्ड, स्वच्छ पेयजल के लिए आरओ सिस्टम,अग्नि सुरक्षा के लिए फायर उपकरण आदि अनेक प्रकार की व्यवस्थाएं इस थाने में बहुत ही उच्च कोटि की तथा शानदार हैं। हाल ही इसमें स्वागत कक्ष बनाया गया है। पुलिसकर्मियों के लिए वॉलीबॉल तथा बैडमिंटन के कोर्ट बने हुए हैं। थाने की मैस में बनने वाले खाने की गुणवत्ता, स्वादिष्टता और पौष्टिकता को भी इस सर्वे में बेहतर बताया गया है।
थाने में लोगों की शिकायत और समस्याएं सुनकर उनका त्वरित निस्तारण करने की प्रक्रिया भी काफी बेहतर पाई गई। अनुसंधान अधिकारियों के कमरों और उनको अनुसंधान में दी जाने वाली व्यवस्थाएं तथा सुविधाएं भी सही मिलीं। जानकारी के अनुसार सर्वे और निरीक्षण के दिन थाने में आए लोगों से भी केंद्रीय अध्ययन ने बातचीत की। उन्होंने पुलिस के कामकाज और उनके व्यवहार के बारे में सवाल जवाब किए। यही नहीं थाना क्षेत्र के कुछ गांव में भी जाकर अध्ययन दल ने बिना पुलिस को कुछ बताएं सीधे लोगों से भी बातचीत की।
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