Himachal Tourism: हिमाचल प्रदेश के कांगडा जिले में सैलानियों की सुविधा के लिए प्रदेश सरकार ने शिमला से धर्मशाला के लिए हवाई सेवा उपलब्ध करवाई है। दिल्ली से शिमला और शिमला से धर्मशाला (गगल) के लिए अलायंस एयर की दैनिक उड़ान उपलब्ध है। हिमाचल प्रदेश पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग के निदेशक अमित कश्यप ने बताया कि शिमला-धर्मशाला-शिमला उड़ान की सभी सीटों के किराये पर सब्सिडी राज्य सरकार वहन कर रही है। इस रूट पर किराया प्रति सीट 3000 रुपये (टैक्स अतिरिक्त) निर्धारित किया गया है।
पर्यटकों के लिए उड़ान योजना के तहत पवन हंस हेलिकाप्टर सेवा की उड़ानें चंडीगढ़ से शिमला, शिमला से रामपुर, मंडी, कुल्लू और धर्मशाला के लिए उपलब्ध हैं। पर्यटक कसौली, शिमला, चायल, नारकंडा और किन्नौर जैसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों का भ्रमण कर सकते हैं। कांगड़ा घाटी, धर्मशाला, मैक्लोडगंज, पालमपुर, डलहौजी, खज्जियार और चंबा के लिए भी सड़क मार्ग खुले हैं। अमित कश्यप का कहना है कि भारी बारिश के कारण सड़क मार्ग से यात्रा के लिए कुछ स्थानों पर समस्या है, लेकिन वहां भी सड़क बहाली का काम युद्ध स्तर पर जारी है।
आपदा प्रभावितों को विशेष पैकेज के तहत दी जाएगी राहत राशिः सुक्खू
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि भारी बारिश के कारण हुई तबाही के दृष्टिगत राज्य सरकार ने एक विशेष राहत पैकेज की घोषणा की है, जिसमें प्रभावितों की सहायता के लिए दस गुणा तक बढ़ा हुआ मुआवजा प्रदान करने का प्रावधान किया गया है।
सुक्खू आज हमीरपुर जिला के सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में बारिश और भूस्खलन के कारण हुए नुकसान का निरीक्षण किया तथा राहत एवं पुनर्वास कार्यों के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने ऊटपुर और कक्कड़ सहित अन्य स्थानों पर हुई भारी तबाही के दृष्टिगत जिला प्रशासन को इन्हें आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित करने निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों से बात कर उन्हें हरसंभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया और कहा कि राज्य सरकार प्रत्येक प्रभावित के साथ है। प्रदेश सरकार अपने संसाधनों से एक-एक पैसा जोड़कर सभी प्रभावितों की मदद करेगी। सुक्खू ने कहा कि भारी बारिश के कारण हुई तबाही के दृष्टिगत राज्य सरकार ने एक विशेष राहत पैकेज की घोषणा की है, जिसमें प्रभावितों की सहायता के लिए दस गुणा तक बढ़ा हुआ मुआवजा प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। न्होंने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित होने के बाद यहां रहने वाले प्रभावित परिवारों को इस विशेष पैकेज के हिसाब से राहत राशि प्रदान की जाएगी।
उन्होंने कहा कि पूर्व में पक्के मकान को आंशिक क्षति पर 12,500 रुपये और कच्चे घर को आंशिक क्षति होने पर 10,000 रुपये की राहत राशि दी जाती थी। लेकिन प्राकृतिक आपदा के कारण हुए नुकसान को देखते हुए सरकार ने इसे बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया है। उन्होंने कहा कि पहले दुकानों और ढाबों को हुए नुकसान के मुआवजे के रूप में सामान के बदले केवल 10 हजार रुपये की आंशिक आर्थिक सहायता मिलती थी, जिसे अब राज्य सरकार ने दस गुना बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया है। इसके अलावा, नए प्रावधानों के अनुसार गाय व भैंस जैसे दुधारू पशुओं की मृत्यु पर प्रति पशु 55,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जा रही है और भेड़, बकरी की मृत्यु पर मिलने वाली वित्तीय सहायता को 4000 रुपये से बढ़ाकर 6000 रुपये कर दिया गया है।