शिमला (एजेंसी)। हिमाचल प्रदेश में जनवरी में 84 प्रतिशत बारिश की भारी कमी दर्ज की गई है, जो चिंता का विषय है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि राज्य में सामान्य औसत 85.3 मिमी की तुलना में केवल 13.3 मिमी वर्षा हुई, जो 1901 के बाद से जनवरी में नौवीं सबसे कम वर्षा है। इस साल बारिश और बर्फबारी के कुछ छिटपुट दौरों के बावजूद भारी कमी ने राज्य को सूखे जैसी स्थिति में डाल दिया है। राज्य के पांच जिलों- ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा और सोलन में सामान्य से 90 प्रतिशत से कम बारिश हुई, जबकि कुल्लू, लाहौल और स्पीति में क्रमश: 76 प्रतिशत और 77 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई। लाहौल और स्पीति में सबसे अधिक 23.3 मिमी वर्षा हुई, फिर भी यह अपने सामान्य स्तर से काफी कम है।
पंडोह, टिंडर और गोहर जैसे प्रमुख स्टेशनों पर कुछ वर्षा दर्ज की गई जबकि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी सामान्य से कम दर्ज की गई। यहां दिन का तापमान सामान्य से ऊपर रहा, जिससे शुष्क स्थिति बढ़ गई। हवा और मिट्टी में नमी की कमी ने पानी की कमी और आगामी कृषि मौसम पर इसके प्रभाव के बारे में चिंताएं बढ़ा दी हैं। एक- तीन फरवरी को अलग-अलग स्थानों पर केवल हल्की वर्षा होने के आसार हैं जबकि चार- पांच फरवरी को हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है।