Vegetable Farming : खारियां (सरसा) (सच कहूँ/सुनील कुमार)। कहते हैं कि जब हर जगह असफलता मिलने लगे तो भी इन्सान को हिम्मत नहीं हारनी चाहिए, क्योंकि ईश्वर ऐसे इन्सान के लिए सफलता का कोई ना कोई मार्ग अवश्य खोलता है। ऐसा ही कुछ रानियां तहसील के छोटे से गांव भूना निवासी वेद प्रकाश पुत्र चानन राम बिरथलिया के साथ हुआ। बता दें कि वेद प्रकाश एक पेशवर किसान है, जिसने अपनी पूरी जिंदगी खेती कार्यों में लगा दी। उनके परिवार में सात सदस्य हैं और खुद के पास खेती योग्य मात्र डेढ़ एकड़ भूमि है। Vegetable Farming
वेद प्रकाश प्रति वर्ष डेढ़ से दो लाख रूपए खर्च कर 5-6 एकड़ भूमि ठेके पर लेकर परंपरागत नरमे व कपास खेती करता रहा, लेकिन हर साल इन फसलों पर बढ़ता बीमारियों का प्रकोप, महंगी चुगाई और घटते उत्पादन से वह कर्जदार होता गया। इससे परेशान वेद प्रकाश ने नरमा व कपास की खेती छोड़कर खुद की एक एकड़ भूमि पर सब्जी लगाने का कार्य शुरू किया।
उसकी मेहनत व किस्मत ने ऐसा साथ दिया कि मात्र दो सालों में वह कर्जमुक्त होकर फर्श से अर्श की ओर बढ़ने लगा। आज वेद प्रकाश ही नहीं, उसके दोनों बेटे सुबह-शाम दो-दो घंटे सब्जी की सार-संभाल में लगाते हैं तथा दिन में अपना व्यवसाय करते हैं। वेद प्रकाश की मानें तो सब्जी की खेती में मेहनत काफी ज्यादा लगती है, लेकिन एक एकड़ में 40 हजार रूपए खर्च करने के बाद करीब सवा लाख रूपए तक की शुद्ध बचत हो जाती है। Vegetable Farming
गर्मी हो या सर्दी, यहां हर समय उपलब्ध रहती हैं सब्जी
किसान वेद प्रकाश ने बताया कि वह साल में गर्मी व सर्दी दोनों मौसम की सब्जी लगाता है। जिसके लिए एक एकड़ भूमि को चार भागों में बांटकर उसमें अगेती व पछेती किस्मों के अनुसार सब्जी लगाता है, ताकि सब्जी उत्पादन में निरंतरता बनी रहे। सब्जी लगाने से पूर्व जमीन की उरर्वक क्षमता बढ़ाने के लिए स्वयं द्वारा तैयार की आग्रेनिक खाद डालकर अच्छी तरह से निराई-गुड़ाई की जाती है, फिर बेल वाली सब्जियों के लिए 3 फीट चौड़ी व 9 इंच ऊंची तथा पौधों वाली सब्जी के लिए डेढ़ फीट चौड़ी व 9 इंच ऊंची मेड बनाकर उसमें बीजों की हाथों से रोपाई की जाती है। मौसम अनुसार, गर्मी में ककड़ी, तोरी, घीया, मतीरी, टिण्डी, बैंगन, हरी मिर्च, खीरा, राजमा, बंगा व भिण्डी तथा सर्दी के मौसम में पालक, सरसों, मैथी, धनिया, मटर, फूल गोभी, बंद गोभी व मूली शामिल सब्जियों में शुमार रहती है।
ग्राहकों को खुद खींच लाता है गुणवत्ता और जहरमुक्त सब्जी का स्वाद
किसान वेद प्रकाश ने बताया कि उसकी सब्जी का स्वाद व गुणवता स्वत: ही ग्राहकों को उसके खेत तक ले आते हैं, जिसके चलते उसे अपनी सब्जी को मंडी में नहीं लाना पड़ता है, बल्कि बिना ट्रांसपोर्ट खर्च के खेत से ही सब्जी बिक जाती है, जिससे अच्छा मुनाफा होता है। वहीं ग्राहकों को मांग के अनुसार ताजा सब्जी उपलब्ध करवाई जाती है। सब्जी देशी किस्म व स्वादिष्ट होने के कारण जो ग्राहक एक बार सब्जी खरीद लेता है वह पुन: सब्जियों के लिए खेत की ओर दौड़ा चला आता है। उसने बताया कि सब्जियां खरीदने के लिए आस-पास के गांव चक्कां, भूना, रिसालिया खेड़ा, खाई शेरगढ़, पन्नीवाला मोटा, केहरवाला, सादेवाला, मम्मड़ खेड़ा, बचेर, खारियां, कालांवाली व सिरसा शहर से भी लोग पहुंचते हैं।
स्वयं तैयार करता है आग्रेनिक खाद व कीटनाशक
वेद प्रकाश ने बताया कि वह अपनी सब्जी के पौधों व बेलों में कभी भी कैमिकल वाले उवर्रक या कीटनाशक का प्रयोग नहीं करता, बल्कि इसके लिए वह स्वय ही आग्रेनिक खाद व देशी कीटनाशक दवाइयां तैयार करता है। जिससे उसकी सब्जी की मांग बाजार में ज्यादा रहती है और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद भी है। आॅगे्रनिक खाद बनाने के लिए 20 किलोग्राम गाय का गोबर, 10 किलोग्राम चूल्हे की राख, 5 किलोग्राम डीएपी, 5 किलोग्राम यूरिया, 15 किलोग्राम सरसों की खल, 200 एमएल नीम का तेल व 200 ग्राम हल्दी का मिश्रित कर 5 से 7 दिनों के लिए छांव में ढक कर रख देते हैं। जिसके बाद पौधों की बढ़वार व पैदावार बढ़ाने के लिए जड़ों में डाली जाती है। वहीं फंगस व कीटों से बचाव के लिए नीले थोथे, आक, नीम व धतूरा के जूस को जरूरत के अनुसार व समयानुसार पानी में मिलाकर छिड़काव में प्रयोग किया जाता है। Vegetable Farming
ग्राहक का स्वास्थ्य ही मेरी प्राथमिकता: वेद प्रकाश
किसान वेद प्रकाश को परंपरागत खेती को छोड़कर सब्जी का बिल्कुल भी अनुभव नहीं था, किंतु हालात व जरूरतों ने सब कुछ सिखा दिया। वह पिछले दो सालों में प्रतिदिन जहरमुक्त खेती के लिए रोज नए प्रयोग करता है। कई बार अन्य सब्जी उत्पादकों ने वेद प्रकाश को पैदावार बढ़ाने के लिए विभिन प्रकार की कैमिकल युक्त दवाइयों व कीटनाशकों के लिए प्रोत्साहित करने का प्रयास किया, लेकिन उसने ग्राहकों के स्वास्थ्य और सब्जी की गुणवत्ता को तरजीह देते हुए उनकी सलाह को ठुकरा दिया। किसान वेद प्रकाश ने कहा कि युवा पीढ़ी को बचाने व रोगमुक्त समाज के लिए जरूरी है कि सभी मिलकर जहरमुक्त खेती को बढ़ावा दें। Vegetable Farming
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