कासगंज मामले की उच्च स्तरीय जांच हो : मायावती

Lockdown Violation Cases

पुलिस हिरासत में हुई थी मुस्लिम युवक की संदिग्ध मौत

लखनऊ (एजेंसी)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश के कासगंज में एक युवक की पुलिस हिरासत में संदिग्ध मौत होने के मामले पर दुुुख व्यक्त करते हुये राज्य सरकार से इस घटना की उच्च स्तरीय जांच कराये जाने की मांग की है। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने वीरवार को ट्वीट कर कहा कि कासगंज में पुलिस कस्टडी में एक और युवक की मौत अति-दुखद व शर्मनाक। सरकार घटना की उच्चस्तरीय जाँच कराकर दोषियों को सख़्त सजा दे तथा पीड़ित परिवार की मदद भी करे।

मायावती ने पुलिस हिरासत में मौत के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि यूपी सरकार आए दिन कस्टडी में मौत रोकने व पुलिस को जनता की रक्षक बनाने में विफल साबित हो रही है, यह अति-चिन्ता की बात है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में कासगंज में एक युवक अल्ताफ अहमद को पुलिस द्वारा पूछताछ के लिये पकड़े जाने के बाद हिरासत में संदिग्ध परिस्थितियों में उसकी मौत के मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। पुलिस इसे आत्महत्या का मामला बता रही है।

क्या है पूरा मामला

अल्ताफ (22) अपने पिता चांद मियां और मां शबनम की आंखों का तारा था। घर के आर्थिक हालात को देखते हुए वह टाइल्स लगाने का काम करने लगा। इन दिनों वो एक घर में टाइल्स लगा रहा था। इसी दौरान उस घर की एक नाबालिग लड़की लापता हो गई। लड़की के परिवारवालों ने शक जताया कि अल्ताफ लड़की को भगा ले गया है। मामला पुलिस तक पहुंचा।

सोमवार की रात करीब 8 बजे पुलिस ने नगला सैय्यद इलाके में अल्ताफ के घर दबिश दी और उसे घर से पूछताछ के नाम पर उठा लिया। पुलिस ने उसके घरवालों से कहा कि पूछताछ के बाद अल्ताफ को छोड़ देंगे। पिता चांद मियां ने बेटे को इस उम्मीद के साथ पुलिस को सौंप दिया कि बेटा गलत नहीं है, वह वापस आ जाएगा। लेकिन अगले दिन बेटे की मौत की खबर आई। पुलिस ने घरवालों को बताया कि अल्ताफ ने आत्महत्या की है।

पुलिस की थ्योरी संदेहास्पद

1. 5 फुट 6 इंच का आदमी ढाई फीट के नल से कैसे लटक गया
2. अगर वो लटका भी तो क्या छटपटाहट नहीं हुई
3. यदि छटपटाहट हुई होगी तो क्या नल ने उसका भार सह लिया होगा
4. ऐसा माना जाता है कि फंदे से लटके शख्स का पैर अगर जमीन से ऊपर नहीं है तो उसकी जान जा ही नहीं सकती। पैर जमीन पर रखकर कोई कैसे मर सकता है, यह पुलिस ही साबित कर सकती है।
6. उसने जैकेट से जुड़ी टोपी में लगी रस्सी के सहारे फंदा लगाया, क्या वह डोरी इतनी मजबूत थी कि उसका भार सह ले
7. हवालात और शौचालय में कुछ कदमों की दूरी है तो क्या उसकी आवाज बाहर नहीं आई

क्या कहते हैं परिवार वाले

जब चांद मियां बड़े थाने यानी कोतवाली पहुंचे तो पुलिसवालों ने उनको डांटकर भगा दिया। परिजनों का आरोप है कि उनके बेटे को पुलिसवालों ने मारा है। अब आत्महत्या का मामला बनाने की कोशिश की जा रही है। चांद मियां कहते हैं कि उनका बेटा आत्महत्या कर ही नहीं सकता। मां फातिमा का रो-रोकर बुरा हाल है।

 

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