मरने के बाद भी अपनों के साथ जिंदा रहते हैं ये लोग !

Indonesia

दुनिया (World) बहुत बड़ी है और इस बड़ी दुनिया में अलग-अलग देश भी हैं और सभी की अपनी अलग सभ्यता-संस्कृति, प्रथाएं और परम्पराएं होती हैं। इन्हीं के अनुसार उनका रहन-सहन और जीवन यापन करने का तरीका होता है। दुनिया में बहुत से देश ऐसे भी जहां बाकी देशों से काफी अलग मान्यताएं होती हैं। आज इस लेख में हम इन्हीं मान्यता के बारे में आपको बताने जा रहे हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कई देशों में तो अंतिम संस्कार को लेकर भी अलग नियम, अलम मान्यताएं हैं, जो बाकी देशों से बिल्कुल भिन्न हैं। Indonesia

आमतौर पर आप लोगों ने देखा होगा कि जब कोई मर जाता है तो उसे या तो जला दिया जाता है या दफना दिया जाता है। लेकिन इस दुनिया में एक देश ऐसा भी है, जहां के लोग मरने वाले लोगों का अंतिम संस्कार (Funeral) नहीं करते, बल्कि अपनों की डेड बॉडी (dead body) को ममी बनाकर सुरक्षित रखते हैं और उनकी सार-संभाल करते हैं। जी हां, आप यह जानकर हैरान जरूर हुए होंगे लेकिन यहां के लोग ऐसा ही करते हैं और ये लोग पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोग हैं। देश का नाम बताएं तो उस देश का नाम है इंडोनेशिया (Indonesia)।

दुनिया में इंडोनेशिया देश के पहाड़ी इलाके में रहने वाले तोराजा जनजाति के लोग ऐसा कार्य करते हैं। वे अपनों के मरने के बाद उनकी डेड बॉडी ऐसे संभालकर रखते हैं, जैसे कि वह अभी जिंदा हैं। इनका मानना है कि जब कोई व्यक्ति मर जाता है तो उसकी आत्मा उनके घर में ही रहती है। इसी वजह से वे अपनों की डेड बॉडी संभालकर रखते हैं और उसे हर वो चीज कपड़े, खाना, पानी, सिगरेट आदि देते हैं, जो एक व्यक्ति को जीवित रहने के लिए दी जाती हैं। Toraja Tribe

ऐसे में अब आप सोच रहे होंगे कि डेड बॉडी कोई?इतने दिन तक कैसे संभालकर रख सकता है! वो तो वक्त के साथ सड़ने और गलने लगती है तो वो अपनों के शव को इतने दिनों तक सड़ने से कैसे बचाते हैं? आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वो अपनों की डेड बॉडी को सड़ने से बचाने के लिए उनकी त्वचा पर फॉर्मेल्डिहाइड और पानी की कोटिंग लगाते हैं। इतना ही नहीं मृत शरीर से बदबू ना आए इसके लिए भी उन्होंने जुगाड़ कर रखा है। बदबू से बचने के लिए यहां के लोग मृत शरीर के पास सूखे पौधे रखते हैं। Indonesia

बता दें कि इंडोनेशिया की तोराजा जनजाति के लोगों को छोटी उम्र से ही मौत को फेस करने के लिए तैयार कर दिया जाता है। परिवार के सदस्य डेड बॉडी को रोजाना खाना खिलाते हैं और उन्हें घर के एक कमरे में तब तक सुरक्षित रखते हैं, जब तक अंतिम संस्कार के लिए उनके पास पैसे इकट्ठे न हो जाएं। जब अंतिम संस्कार की क्रिया का समय आता है तो लोग शव को पत्थर की कब्र में दफनाते हैं।

ऐसा भी नहीं है कि वह दफनाकर उनको भूल जाते हैं। टंह्णल्लील्ली नाम का एक अनुष्ठान वो लोग किया करते हैं, उसी के लिए वो कुछ समय के बाद उस शव को कब्र से बाहर निकालते हैं और उसकी अच्छे से साफ-सफाई करते हैं, मृतक के शरीर को धोकर उसे साफ कपड़े पहनाए जाते हैं और कुछ देर के लिए धूप में सूखा दिया जाता है। इस दौरान वे शव के साथ सेल्फी लेते हैं। Strange News

इतना सब करके सभी रिश्तेदारों और जानने वालों को बुलाया जाता है और दावतें रखी जाती हैं। इस मौके पर युवा लोग अपने पूर्वजों से मिलते हैं और उनकी डेड बॉडी के साथ सेल्फी लेते हैं। अनुष्ठान पूरा होने के बाद शव को वापस ताबूत में रख दिया जाता है। इंडोनेशिया में अनुष्ठान की यह प्रथा सदियों से चली आ रही है।

इन पहाड़ी लोगों में मान्यता है कि पोंग रुमासेक नामक एक शिकारी तोराजा की पहाड़ियों पर घूमा करता था। एक दिन क्या हुआ कि उसे एक पेड़ के नीचे किसी की लाश पड़ी हुई मिली। उसने लाश की हड्डियों को अपने पास मौजूद कपड़े में रखा और उसे जमीन में दफना दिया। बताया जाता है कि ऐसा करने के बाद उस शिकारी को जीवन भर भाग्यशाली और धनवान रहने का आशीर्वाद मिला। तोराजा जनजाति के लोग यह मानते हैं कि अगर वे अपने पूर्वजों का ख्याल रखेंगे और उनकी देखभाल करेंगे तो उन्हें भी आशीर्वाद मिलेगा और वो भाग्यशाली और धनवान बनेंगे। Indonesia

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