कांग्रेस के खाते में जा सकता है स्पीकर पद |Hemant Soren
Edited By Vijay Sharma
रांची (एजेंसी)। झारखंड विधानसभा चुनाव का जनादेश झामुमो-कांग्रेस-राजद महागठबंधन के पक्ष में आया है। स्पष्ट बहुमत के साथ झारखंड के अगले मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन (Hemant Soren) का राजतिलक तय हो गया है। इसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई है। हेमंत सोरेन 27-28 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। इस दौरान जेएमएम के 6, कांग्रेस के 5 और आरजेडी के कोटे से एक मंत्री शपथ लेंगे। यानी हेमंत सोरेन के साथ 12 मंत्री शपथ लेंगे।इसके अलावा कांग्रेस के खाते में स्पीकर पद जा सकता है। इससे पहले मंगलवार को झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन ने पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई है।
बीजेपी को वोट का घाटा
बीजेपी की हार के पीछे सुदेश महतो की पार्टी आजसू के साथ गठबंधन न होना भी बताया जा रहा है।महतो जाति ओबीसी कुर्मी जाति की उपजाति है। बिहार और झारखंड में महतो की काफी अच्छी खासी आबादी है। आजसू के साथ गठबंधन न होना, बीजेपी के लिए महतो वोटबैंक में घाटा साबित हुआ है। बिहार में जेडीयू और बीजेपी गठबंधन में हैं । लेकिन झारखंड में दोनों पार्टियों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा जिसका घाटा दोनों को उठाना पड़ा। इससे बीजेपी के ओबीसी वोट बैंक को नुकसान बताया जा रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कुर्मी जाति से हैं। जेडीयू झारखंड में खाता खोलने में भी विफल रही।
महागठबंधन की आंधी में सबकी हवा टाइट
- महागठबंधन की आंधी ने भाजपा के साथ-साथ आजसू की भी हवा निकाल दी है।
- आजसू के खाते में दो सीटें आईं, जबकि बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व वाली झारखंड विकास मोर्चा के हिस्से तीन सीटें आईं।
- वहीं दो सीटों पर निर्दलीय और एक-एक सीट पर भाकपा माले व एनसीपी को जीत मिली है।
- जबकि विधानसभा अध्यक्ष डॉ. दिनेश उरांव को भी सिसई सीट से हार का सामना करना पड़ा।
- इनके अलावा मंत्री लुईस मरांडी, राज पालिवार, रामचंद्र सहिस को भी चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है।
- वहीं भाजपा के अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ भी चक्रधरपुर से चुनाव हार गए।
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