कद 3 फुट, लक्ष्य आईएएस बनने का

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श्योपत दादा ने ग्रेजुएशन डिग्री की पूरी

  • श्रीगंगानगर में आईएएस ले रहा कोचिंग

अबोहर। (सच कहूँ/सुधीर अरोड़ा) कहते हैं न अगर हौंसले बुलंद हो तो रास्ते में आने वाली लाख कठिनाईयां भी आपको मंजिल हासिल करने से रोक नहीं सकती। (Abohar News) ऐसा ही वाक्य उपमंडल के गांव झोरड़खेड़ा में रहने वाले 3 फुट कद वाले श्योपत दादा पर सही बैठता है। जो अपने बेहद कम कद होने के बावजूद आईएएस बनने के सपने के साथ नई बुलंदियों को छूने का दमखम रखता है।

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गांव झोरडखेडा निवासी 27 वर्षीय श्योपत दादा पुत्र दौलत राम का कद लगभग 3 फुट है, लेकिन उसके हौंसले बुलंद है।अपनी कम कदकाठी के बावजूद श्योपत दादा ग्रेजुऐशन कंप्लीट कर आईएएस बनने का सपना संजोए हुए हैं। श्योपत राम ने बताया कि वह 5 बहनें और 2 भाई है। उनके माता-पिता बेहद गरीब है और दिहाड़ी-मजदूरी करके ही घर का खर्च चलाते हैं। उनकी तीन बहनें विवाहित है, जो उसका पढ़ाई का खर्च उठाती है। उसने अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद ग्रेजुऐशन की डिग्री पूरी कर ली है और अब वह श्रीगंगानगर में आईएएस बनने की कोचिंग ले रहा है।

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श्योपत दादा की इच्छा पढ़कर लिखकर आईएएस अफसर बनने की

श्योपत दादा का कहना है कि लोग उसे कम कद होने का ताना मारते हैं, लेकिन उसे लोगों की बातों का बुरा नहीं लगता। इसीलिए वह आईएएस बनकर लोगों को दिखाना चाहता है कि कम कद काठी नहीं बल्कि हौंसले बुलंद होने चाहिए तो हर मंजिल को पाया जा सकता है। (Abohar News) श्योपत दादा के पिता दौलतराम ने कहा कि वह बेहद गरीब है और दिहाड़ी-मजदूरी करके ही अपना गुजारा करते हैं। उन्होंने कहा कि श्योपत दादा की इच्छा पढ़कर लिखकर आईएएस अफसर बनने की है। लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण श्योपत दादा को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अगर उसे सहयोग मिले तो वह बड़ा अफसर बन सकता है। जिससे उसका खुद का जीवन सुधर जाएगा और उनको भी बुढ़ापे में सहारा मिल जाएगा।

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