10 मिनट में बर्बाद हो गई महीनों की मेहनत
-दूसरे दिन भी भारी तूफान व ओलावृष्टि
-भारी संख्या में वृक्ष टूटे एसके हाईवे पर जाम, बिजली आपूर्ति ठप
-अनाज मंडियों में करोडों का गेहूं खराब, खेतों में खडी गेहूं की फसल में ओलों से नुकसान
कुरुक्षेत्र सच कहूँ, देवीलाल बारना । गेहूं कटाई के मौसम में बेमौसमी बरसात व ओलावृष्टि ने किसानों के चहरों पर सलवटें डाल दी हैं। गुरुवार को कुरुक्षेत्र जिला में कई स्थानों पर आलोवृष्टि हुई। जिले के थानेसर, पिपली व लाडवा में सबसे तेज बरसात आंकि गई है। ओलावृष्टि होने से खेतों में खडी गेहूं की फसल को जहां काफी नुकसान हुआ हैं, वहीं अनाज मंडियों में खुले आसमान के नीचे पड़ी गेहूं भीग गई है। कुरुक्षेत्र व आसपास के क्षेत्रों में वीरवार को करीब अढ़ाई बजे अचानक जोरों का तूफान आया व तूफान के साथ ही तेज मोटी बूंदों के साथ बारिश शुरू हो गई।
धूप निकल रही थी और दूसरी ओर घने काले बादलों के बीच से अचानक ओलावृष्टि शुरू हो गई। करीब दस मिनट तक ओले पड़ते रहे। तूफान और बारिश के दौरान ही काफी संख्या में वृक्ष टूट गए। तूफान व आंधी के कारण कुरुक्षेत्र-सहारनपुर मार्ग पर लाडवा की ओर मथाना सिरसमा क्षेत्र में एसके हाइवे पर काफी बड़े-बड़े पेड़ टूटकर गिर गए। बचाव की बात यह रही कि ये पेड़ किसी आते जाते वाहन के ऊपर नहीं गिरे। अलबत्ता एक दो वाहन के ऊपर गिरे वह ट्रालियां थी, कोई जानी नुकसान नहीं हुआ।
लाडवा-कु रुक्षेत्र मार्ग पर गिरे पेड़, यातायात ठप्प
सड़क के ऊपर वृक्षों के उखड़ व टूटकर गिरने से लाड़वा व कुरुक्षेत्र की ओर से यातायात ठप हो गया। इसमें सैंकडों वाहन फंस गए। काफी संख्या में स्कूल बसें भी जाम में फंसी हुई देखी गई। बाद में वाहनों को डायवर्ट करके गांव व कच्चे रास्तों से होकर निकाला गया। योगराज मथाना ने बताया कि तूफान से खेतों में जो गेहूं कटी हुई पडी थी वह उड़ गई। हताश व तूफान के आगे लाचार किसान अपनी 6 महीने की गाढ़ी कमाई को यूं आकाश में उड़ते देखते रहे। कुछ किसानों ने बुधवार को आई आंधी व तूफानी बारिश के बाद अपनी पकी हुई फसलों को सुखाना शुरू किया था उसमें से भी आंधी उड़ा ले गई।
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