Haryana-Punjab Weather Alert: हरियाणा-पंजाब में भारी बारिश की चेतावनी, मौसम विभाग का आया ताजा अलर्ट

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Haryana-Punjab Weather Alert: हरियाणा-पंजाब में भारी बारिश की चेतावनी, मौसम विभाग का आया ताजा अलर्ट

Haryana-Punjab Weather Alert: हिसार (संदीप सिंहमार)। मौसम विभाग की मानें तो भारत में अगस्त और सितंबर में भी सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के कहा है कि अगस्त के अंत तक अल-नीना की अनुकूल स्थितियां देखने को मिल सकती हैं। भारत में कृषि के लिए मॉनसून बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि कुल खेती योग्य भूमि का 52 प्रतिशत हिस्सा बारिश पर निर्भर है, हालांकि कई हिस्सों में भारी बारिश तबाही भी लेकर आई है।

आईएमडी के मुताबिक जुलाई में हुई है सामान्य से ज्यादा बारिश भारत में अगस्त और सितंबर के दौरान 422.8 मिमी की दीर्घावधि औसत का 106 प्रतिशत वर्षा होगी। देश में एक जून से अब तक 453.8 मिमी बारिश हुई है, जबकि सामान्य बारिश 445.8 मिमी होती है। यह सामान्य बारिश से 2 प्रतिशत ज्यादा है क्योंकि जून में सूखा रहने के बाद जुलाई में सामान्य से अधिक बारिश हुई। आईएमडी चीफ मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है। पर वर्तमान तक हरियाणा और पंजाब दोनों जिलों में बारिश औसतन रूप से कम हुई है। मौसम विभाग की माने तो हरियाणा पंजाब में 11 अगस्त के बाद 13 अगस्त तक फिर से मौसम बदलने के आसार हैं।

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मौसम विभाग के अनुसार, 14 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में 3-3 घंटे का अलर्ट जारी कर रहा है। ज्यादातर जिलों में बादल छाए हुए हैं। जिन जिलों के लिए अलर्ट जारी किया गया है, वहां बारिश के दौरान 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है।

जानें किन जिलों में अलर्ट | Haryana-Punjab Weather Alert

हरियाणा के जिन 14 जिलों में अलर्ट जारी किया गया है उनमें अम्बाला, भिवानी, पंचकूला, यमुनानगर, रोहतक, सोनीपत, चरखी दादरी, झज्जर, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, मेवात, फरीदाबाद और पलवल शामिल है। इन जिलों में 50 से 75 फीसदी तक बारिश हो सकती है।

हरियाणा में 5 वर्षों में सबसे कम बारिश

इस बार हरियाणा में 5 वर्षों में सबसे कम बारिश हुई है। आंकड़ों के अनुसार, 2018 में 549 मि.मी. वर्षा हुई थी। 2019 में 244.8 मि.मी., 2020 में 440.6 मि.मी., 2021 में 668.1 मि.मी., 2022 में 472 मिमी, 2023 में 390 मि.मी.और 2024 में 97.9 मि.मी. बारिश दर्ज की गई। कम बारिश के कारण राज्य के धान उत्पादक किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल के जरिए सिंचाई करनी पड़ रही है।

पंजाब के कुछ जिलों में बारिश की संभावना

वहीं मौसम केंद्र चंडीगढ़ ने राज्य के लिए शनिवार को येलो अलर्ट जारी किया है, जिसमें पंजाब के कुछ जिलों में भारी वर्षा होने की संभावना है।