Delhi Rain: दिल्ली में भारी बारिश, पानी से घिरी दिल्ली, यातायात ठप्प: वीडियो देखें

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Delhi Heavy Rain: नई दिल्ली (एजेंसी)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आस-पास के क्षेत्रों में 4 सितंबर को बारिश ने काफी कोहराम मचाया, जिसके बाद दिल्ली के कई इलाके पानी से भर गए, सड़कें पानी में गुम हो गईं तथा प्रमुख चौराहों पर यातायात ठप्प हो गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने दिल्ली में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। Delhi Rain

इससे पहले दिन में, आईएमडी ने दक्षिण हरियाणा, दिल्ली, पश्चिम और पूर्वोत्तर उत्तर प्रदेश के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी भारी बारिश की चेतावनी दी थी। बुधवार को नई दिल्ली में भारी बारिश के बाद न्यूनतम तापमान 25.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जिसमें 85 प्रतिशत आर्द्रता स्तर था। आईएमडी ने चेतावनी देते हुए कहा कि अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस रहने की उम्मीद है, क्योंकि पूरे दिन और बारिश होने का अनुमान है।

दिल्ली के लिए आईएमडी के 10-दिवसीय पूवार्नुमान के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में 14 सितंबर तक गरज के साथ भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है और इस दौरान आसमान में बादल छाए रहने का अनुमान है।

थोड़ी सी बारिश से दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति! | Delhi Rain

दिल्ली में बाढ़ के कारणों पर बात करते हुए, सीईईडब्ल्यू के वरिष्ठ कार्यक्रम प्रमुख, नितिन बस्सी ने कहा, ‘‘भारत के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ को, चाहे वह बिहार हो, गुजरात हो, असम हो, दिल्ली हो, पिछले 30 वर्षों की तुलना में जुलाई और अगस्त में हुई बारिश की तीव्रता और परिमाण में वृद्धि के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। बस्सी के अनुसार बाढ़ के प्रभावों को बढ़ाने वाले कुछ विशिष्ट कारण हैं, जैसे भूमि उपयोग परिवर्तनों पर खराब विनियमन, प्राकृतिक जल निकासी में व्यवधान और बढ़ते हुए निर्मित क्षेत्रों से उच्च अपवाह, ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन के लिए नीतियों का अप्रभावी कार्यान्वयन जो जल निकायों को अवरुद्ध कर देता है, और तूफानी जल नालियों का खराब डिजाइन।

इसका समाधान विभिन्न पैमानों पर चरम बाढ़ प्रवाह और मात्रा का अनुमान लगाने के लिए क्षेत्रों या शहरों के हाइड्रोलॉजिकल आकलन पर फिर से विचार करने, बाढ़ के ‘हॉटस्पॉट’ की पहचान करने के लिए जोखिम आकलन करने, नालियों को फिर से डिजाइन करने जैसे हस्तक्षेपों के माध्यम से बाढ़ के जोखिम का प्रबंधन करने और शहर और राज्य स्तर पर बाढ़ पूवार्नुमान प्रणालियों को मजबूत करने में निहित है।

सीईईडब्ल्यू के एक अध्ययन के अनुसार मानसून अधिक अनिश्चित होता जा रहा है, और हम भारी बारिश के अधिक से अधिक छोटे विस्फोट देख रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘शहर के विकास को जल के प्रति संवेदनशील होना चाहिए तथा मौजूदा आर्द्रभूमि और जल निकायों के पुनरुद्धार पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए तथा सामुदायिक व्यवहार को प्रोत्साहित करने के लिए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन अभियान विकसित करना चाहिए।’’ Delhi Rain

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