रूक-रूक कर हुई बारिश से पैदा हुए कीचड़ के कारण राहगीरों को हुई परेशानी | Heavy Rain
- सुबह 5 बजे से लेकर 6 बजे तक हुई मूसलाधार बारिश, रविवार को मौसम साफ रहने की उम्मीद
अबोहर (सचकहूँ-सुधीर अरोड़ा)। बीते दो दिनों से बदले मौसम ने शनिवार तड़के से ऐसी (Heavy Rain) करवट बदली की दोपहर 2 बजे तक कभी तेज बारिश तो कभी बूंदाबांदी होती रही। इस बारिश के कारण जहां शहर के निचले क्षेत्र जलमग्न हो गये, वहीं ग्रामीण आंचल में नरमे की फसल को नुकसान होने की संभावना बढ़ गयी। लेकिन किन्नू बागवान इस बरसात से खुश नजर आये, क्योंकि किन्नू की फसल को इस बारिश से लाभ मिलेगा और किन्नू में मिठास बढ़ेगी।
किसानों ने सरकार से की फसलों के हुए नुक्सान का मुआवजे देने की मांग
जानकारी के अनुसार शुक्रवार रात करीब 11 बजे बूंदाबांदी शुरू हुई थी, जो शनिवार तड़के 5 बजे तेज बारिश में बदल गई और यह बारिश करीब सात बजे तक होती रही। इसके बाद आसमान में बादल छाये रहे और रूक रूक कर बूंदाबांदी होती रही। इस बूंदाबांदी के चलते शहर की सड़कों पर बड़े बड़े गड्ढों में पानी भर गया और आम लोगों के साथ-साथ वाहन चालकों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। इंद्रा नगरी के मुख्य श्मशान घाट को जाने वाली सड़क भी पानी में डूब गई, जिसके कारण श्मशान भूमि जाने वाले लोगों को परेशानी हुई।
इसके अलावा सीतो रोड, हनुमानगढ़ रोड पर भी कई जगहों पर जलभराव हो गया और लोगों को दूषित बरसाती पानी से गुजरने को मजबूर होना पड़ा। इसी तरह शहर की सड़कों पर पूरा दिन कीचड़ फैला रहा, जो लोगों को चलने में भारी दिक्कत पैदा कर रहा था।
पूरा दिन सड़कों पर फैला रहा कीचड़ | Heavy Rain
शहर में जैन नगर, आनंद नगरी, पटेल पार्क, सीतो रोड, पुरानी फाजिल्का रोड, सुंदर नगरी, जैन नगर रोड, सर्कुलर रोड, रानी झांसी मार्केट, ठाकर आबादी रोड, पुरानी सूरज नगरी व नई सूरज नगरी में पूरा दिन सड़कों पर कीचड़ फैला रहा। आधा दिन हुई इस बारिश के करण ग्रामीण आंचल में नरमे की फसल पर बुरा प्रभाव पड़ा। नरमे के खिले हुये फूलों पर बारिश का पानी गिरने से वे झड़ गये और इससे किसानों को नुकसान हुआ। ताजापटी के किसान बूटा सिंह, काका सिंह ने बताया कि इस बार नरमे के रेट कम मिल रहे हैं और ऊपर से बारिश ने उनका नुकसान कर दिया।
- वे इस बार ठेके पर खेती कर रहे हैं, लेकिन बारिश से हुये नुकसान के बाद
- उन्हें नहीं लगता कि उनका खर्चा भी पूरा हो पायेगा।
- उन्होंने सरकार से मुआवजे की मांग की है। वहीं किन्नू उत्पादकों के चेहरों पर इस बारिश ने रंगत भर दी है।
- किन्नू उत्पादकों का कहना है कि किन्नू के फलों पर पड़ी धूल मिट्टी को बारिश ने साफ कर दिया।
- अब किन्नू की मिठास भी बढ़ेगी और वजन भी बढ़ेगा, जिससे उन्हें लाभ मिलेगा।
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