जालंधर (सच कहूँ न्यूज) पंजाब में पिछले एक महीने से अनिश्चित बारिश और प्रतिकूल मौसम के कारण आलू की फसल और आलू बीज फसल को भारी नुकसान हुआ है। राज्य में आलू का उत्पादन इस बार कम होने की आशंका है। राज्य में आलू की फसल मुख्य रूप से जालंधर, होशियारपुर, कपूरथला, लुधियाना, अमृतसर, बठिंडा और फतेहगढ़ साहिब जिलों में लगभग 1.10 लाख हेक्टेयर में उगाई गई थी, लेकिन अनिश्चित बारिशों के कारण इनमें से 70 हजार हेक्टेयर में आलू की फसल प्रभावित हुई है।
इनमें से 393 हेक्टेयर में लगी फसल पूरी तरह से तबाह हो गई है। आलू बीज के लिए प्रसिद्ध पंजाब का दोआबा क्षेत्र भी बारिश के कारण खासा प्रभावित हुआ है। प्रतिकूल मौसम के चलते फसल पर ‘लेट ब्लाइट’ (एक संभावित विनाशकारी बीमारी जो पत्तियों, तनों और आलू के कंदों को संक्रमित करती है) की समस्या पैदा होने की आशंका बनी हुई है। यह बीमारी आलू के भंडारण या शेल्फ जीवन को कम करता है। आलू की गुणवत्ता अच्छी नहीं होने के कारण कोल्ड स्टोरेज में इसके भंडारण में भी नुकसान होने का अनुमान है।
राज्य में लगभग 1.10 लाख हेक्टेयर भूमि पर आलू की फसल
पंजाब बागवानी विभाग के उपनिदेशक डॉ सुखदीप सिंह हुंदल ने शुक्रवार को बताया कि राज्य में लगभग 1.10 लाख हेक्टेयर भूमि पर आलू की फसल लगाई गई थी लेकिन बारिश के कारण लगभग 70 हजार हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है। उन्होंने बताया कि राज्य में लगभग 30 लाख टन आलू उत्पादन की संभावना थी लेकिन बारिश की वजह से आधी से अधिक फसल को नुकसान पहुंचा है।
बारिश शुरू होने से पहले 40 हजार हेक्टेयर रकबे में आलू की कच्ची फसल ली जा चुकी थी जिसके कारण इसे नुकसान नहीं पहुंचा। उन्होने बताया कि होशियारपुर जिले में सात लाख टन कच्ची फसल लगाई जा चुकी थी, जिसके कारण इसे नुकसान नहीं पहुंचा।
डॉ. हुंदल ने बताया कि तीन दिन पहले हुई बारिश तक हुए नुकसान की मिली सूचना अनुसार राज्य में 31323 हेक्टेयर रकबे में आलू की फसल को नुकसान हुआ है जिनमें से 13839 हेक्टेयर में 25 फीसदी, 7111 हेक्टेयर में 25 से 26 फीसदी और 9980 हेक्टेयर में 51 से 75 फीसदी नुकसान हुआ है जबकि 393 हेक्टेयर में फसल पूरी तरह तबाह हो गई है।
उन्होंने बताया कि जालंधर जिले में कुल 25 हजार 500 हेक्टेयर जमीन में आलू की बीजाई की गई थी जिसमें से 13784 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है। उन्होंने बताया कि जिले में 8180 हेक्टेयर फसल को 25 फीसदी, 3774 हेक्टेयर में 26 से 50 फीसदी और 1830 हेक्टेयर में 51 से 75 फीसदी तक नुकसान हुआ है।
आलू की फसल बीमारी रहित
पंजाब के दोआबा क्षेत्र में तैयार होने वाले आलू के बीज की गुणवत्ता के कारण यहां के आलू बीज की पूरे देश सहित श्रीलंका आदि में भारी मांग है। दोआबा में तैयार होने वाले बीज से आलू की फसल बीमारी रहित होती है और इसका उत्पादन अन्य के मुकाबले कई गुणा अधिक मिलता है। दोआबा क्षेत्र से आलू के बीज का निर्यात ओड़िसा कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र तथा श्रीलंका आदि को किया जाता है।
पंजाब आलू उत्पादन का सबसे बड़ा राज्य है। राज्य में सबसे ज्यादा आलू जालंधर में 23810 हेक्टेयर में बीजा गया है जबकि सबसे कम आलू पठानकोट में दो हेक्टेयर में बीजा गया था। जबकि अन्य जिलों में आलू अधीन होशियारपुर में 17750 हेक्टेयर, लुधियाना में 13526, कपूरथला में 10025, अमृतसर 9479, मोगा 5240, बठिंडा 5434, फतेहगढ़ साहिब 4430, पटियाला 4815, एसबीएस नगर 2650, तरनतारन 1989, बरनाला 1740, एसएएस नगर 1558, रोपड़ 834, गुरदासपुर 820, संगरूर 781, फिरोजपुर 1315, फरीदकोट 370, मुक्तसर 195, मानसा 218 , फाजिलका 105 और पठानकोट में दो हेक्टेयर में आलू की फसल होती है।
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