हनुमानगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। जिले में बढ़ती गर्मी का असर लोगों के स्वास्थ्य पर भी पड़ने लगा है। अस्पतालों की ओपीडी में डिहाइड्रेशन (शरीर में पानी की कमी) से लेकर उल्टी, सिरदर्द, तेज बुखार, पेट दर्द, डायरिया की परेशानी लेकर मरीज पहुंच रहे हैं। ओपीडी में ऐसे लक्षण वाले मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। इस बार गर्मी भी जल्दी शुरू हो गई है, जिस कारण यह वृद्धि दिख रही है।
शरीर में इलेक्ट्रोलाइट के असंतुलित होने पर दस्त और रक्तचाप के कम होने की समस्या मरीजों में देखने को मिल रही है। इनमें ज्यादातर ऐसे मरीज हैं, जो दिनभर बाहर धूप में रहकर काम करते हैं। कार्य स्थल तक पहुंचने के लिए गर्मी में पैदल चलते हैं। ऐसे लोगों में गर्मी का प्रभाव ज्यादा देखने को मिलता है। चिकित्सकों की मानें तो पिछले दो वर्षों में कोविड के कारण समय-समय पर लॉकडाउन की वजह से लोग घरों से बाहर कम निकलते थे। इसलिए इनके मामले कम आए थे। इस वर्ष हालात सामान्य होने के बाद लोग रोजमर्रा के कार्यों के लिए निकल रहे हैं।
साथ ही पिछले वर्षों की तुलना में लू पहले से चलना भी एक बड़ा कारण है। जिला अस्पताल के डॉ. बृजेश गौड़ ने बताया कि गर्मी के सीजन में लू का वातावरण बन रहा है। आगामी दिनों में धीरे-धीरे गर्मी के साथ तापमान में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में गर्मी से संबंधित रोग उल्टी, दस्त, पेट दर्द, हल्के बुखार के मरीज आ रहे हैं। हालांकि अभी उनकी संख्या अधिक नहीं है। नागरिकों को आने वाले दिनों में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। गर्मी से बचाव रखें। घर से निकलते समय सिर-मुंह को ढककर रखें। पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें।
गर्मी लगने पर ओआरएस का घोल बनाकर पिएं। पेय पदार्थों का अधिकाधिक सेवन करें। रात्रि को बना हुआ भोजन सुबह न खाएं। गर्मी लगने का लक्षण नजर आने पर तुरंत चिकित्सक से सम्पर्क करें। जिला अस्पताल के डीसी डॉ. चन्द्रमोहन ढालिया ने बताया कि गर्मी के मौसम के चलते ओपीडी में कुछ बढ़ोतरी हुई है। महिला-पुरुष के लिए अलग-अलग दो मेडिसिन वार्ड बने हुए हैं। इनमें 26-26 बेड लगे हुए हैं। अलग से एक और वार्ड निर्धारित किया गया है। यदि मरीज बढ़ते हैं तो उस वार्ड में शिफ्ट किए जाएंगे।
बच्चों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत
शिशु रोग विशेषज्ञों का कहना है कि गर्मी के मौसम में बच्चों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इस बार गर्मी ज्यादा पड़ने से उल्टी, दस्त के साथ पेट दर्द के बच्चों की संख्या बढ़ी है। बच्चों को हर आधे घंटे में पानी पिलाएं। दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक घर से बाहर न जाने दें। पानी वाले फल का सेवन कराएं। बाहर की चीजों को न खिलाएं। बच्चों को ज्यादा परेशानी होने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
बासी खाना खाने से बचें लोग
चिकित्सकों ने बताया कि गर्मी के मौसम में मसालेदार खाना न खाएं। साथ ही तला हुआ खाना भी खाने से बचना चाहिए। कैफीन वाली चीजों का सेवन न करें। इससे डिहाइड्रेशन बढ़ता है। चाय और कॉफी का इस्तेमाल गर्मियों में करने से बचना चाहिए। गर्मी के मौसम में बासी खाना खाने से फूड प्वाइजनिंग भी हो सकती है। इसलिए ऐसा खाना खाने से बचें। गर्मियों में आइसक्रीम खाने से लोगों को बचना चाहिए। आइसक्रीम की तासीर ठंडी की जगह गर्म होती है, जो शरीर को ठंडा करने की जगह पर गर्म करती है।
बचाव के लिए बरतें यह सावधानी
चिकित्सकों के अनुसार धूप और गर्मी में काम करने वाले और घूमने वाले सावधानी बरतें। लोग तेज धूप में बाहर जाने से बचें। नंगे बदन और धूप में न निकलें। घर से बाहर निकले तो ढीले कपड़े पहनकर निकलें। ताकि शरीर को हवा मिलती रहे। ज्यादा टाइट और गहरे रंग के कपड़े कतई न पहनें। साथ ही सूती कपड़े ज्यादा पहने जो पसीने को आसानी से सोख लेते हैं। ज्यादा देर भूखे रहने से बचें और खाली पेट घर से न निकले। साथ ही तेज गर्मी से आकर एक दम से फ्रिज आदि का ठंडा पानी न पीएं। धूप से बचने के लिए चश्मा एवं टोपी पहनकर बाहर जाएं। साथ ही चेहरे को कपड़े से ढक कर रखें।
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