पहले की देश सेवा बाद में मानव सेवा में जुटे रहे
सरसा (सच कहूँ न्यूज)। डेरा सच्चा सौदा के अनथक एवं सत ब्रह्मचारी सेवादार नछत्तर सिंह फौजी इन्सां(Nachhatar Singh Fauji Insan) के श्रद्धांजलि स्वरूप नामचर्चा का आयोजन बुधवार को शाह सतनाम जी मार्ग स्थित गोलछा पैलेस में किया गया। जिसमें स्वजनों के अलावा उनके रिश्तेदारों, विभिन्न राज्यों की साध-संगत ने शामिल होकर सचखंडवासी को श्रद्धासुमन अर्पित किए। ब्लॉक कल्याण नगर कमेटी की ओर से सचखंडवासी के स्वजनों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया। वहीं सचखंडवासी के परिजनों ने परमार्थी कार्य भी किया।
इनके पश्चात कविराज आसाराम इन्सां ने जिसने जपा नाम ना, वो जन्म गवां गया…, गुरप्रीत सिद्धू ने की भरोसा दम दा करें, दम आवे ना आवे…, चल दिए ओड़ निभा के सतगुरु के प्यारे आदि अनेक मनुष्य जीवन की सच्चाई से रूबरू करवाते भजन बोले। अंत में पवित्र ग्रंथ में से अनमोल वच्न पढ़कर सुनाए गए। जिसे साध-संगत ने बड़े ध्यानपूर्वक श्रवण किया। नामचर्चा के दौरान ब्लॉक कल्याण नगर के भंगीदास मा. सतीश इन्सां ने सचखंडवासी सत ब्रह्मचारी सेवादार नछत्तर सिंह फौजी इन्सां को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने पहले भारतीय सेना में शामिल होकर देश की सेवा की और बाद में डेरा सच्चा सौदा से जुड़कर व सत ब्रह्मचारी बनकर मानव सेवा में जुट गए। वे अंंतिम समय तक मानवता की सेवा में जुटे रहे।
अन्य वक्ताओं ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि जननी जने तो भक्त जन, कह दाता कह सूर, नहीं तो जननी बांझ रहे काहे गवाएं नूर, की लाइने उनपर बिल्कुल सही बैठती है। नामचर्चा में हरियाणा 45 मैम्बर भुवनेश इन्सां, दलबीर इन्सां, उमेद इन्सां, शेर सिंह इन्सां, सुखवीर इन्सां के अलावा सचखंडवासी की पत्नी बलवीर कौर इन्सां, पुत्र हरदेव सिंह इन्सां, गुरसेवक इन्सां, बेटी गुरमीत कौर इन्सां, भाई भूरा सिंह, जंटा सिंह, हरदम सिंह, रणजीत सिंह सहित आस-पास के ब्लॉकों से काफी संख्या में साध-संगत मौजूद रही। नामचर्चा की कार्यवाही ब्लॉक कल्याण के जोन नंबर तीन के भंगीदास राजपाल इन्सां ने धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा का इलाही नारा लगाकर व अरदास का भजन बोलकर की गई।
सचखंडवासी सत ब्रह्मचारी सेवादार नछत्तर सिंह फौजी इन्सां(Nachhatar Singh Fauji Insan) का जन्म 2 फरवरी 1947 में पंजाब के गांव कणकवाल में पिता अर्जुन सिंह व माता जल कौर के घर हुआ। उन्होंने 15 साल तक भारतीय सेना में नौकरी करते हुए देश सेवा में अपना अमूल्य योगदान दिया। 1978 में उन्होंने परम पिता शाह सतनाम जी महाराज से गुरुमंत्र की अनमोल दात प्राप्त की। बाद में उन्होंने परिवार सहित अन्य लोगों को भी डेरा सच्चा सौदा के साथ जोड़ा। 1987 में नछत्तर सिंह इन्सां सत ब्रह्मचारी बन गए। 1993 से 31 जनवरी 2022 तक उन्होंने अपनी सेवाएं शाह सतनाम जी गर्ल्स स्कूल में दी।
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