झांसी (एजेंसी)। उत्तर प्रदेश के झांसी में ‘यूज हार्ट फॉर एवरी हार्ट’ विषय पर बुधवार को आयोजित सेमीनार में हिस्सा ले रहे हृदय रोग विशेषज्ञों ने दिल की बीमारियों के बढ़ते प्रतिशत और विशेषकर युवा वर्ग के इसकी चपेट में आने की प्रतिशतता पर चिंता जतायी। विश्व हृदय दिवस (World Heart Day) (29 सितंबर) की पूर्व संध्या पर इस बीमारी के प्राथमिक उपचार एवं बचाव विषय पर ज्ञानवर्धन के लिए आयोजित सेमीनार में मुख्य वक्ता डॉ. निर्देश जैन ने कहा कि पहले उम्रदराज लोगों में हृदय से संबन्धित बीमारियां ज्यादा देखी जाती थी परंतु आजकल की जीवनशैली के चलते युवा भी इसके शिकार हो रहे हैं।
युवाओं में बढ़ते हृदय रोगो का एक मुख्य कारण बढ़ता हुआ तनाव भी है। हार्ट अटैक के मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है यहाँ तक कि अब युवाओँ में हृदय रोग संबंधी समस्याओं के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हृदय रोग संबंधी लक्षणों की समय से पहचान बहुत जरूरी है। यदि छाती में दर्द (चेस्ट पेन) हो तो इसे हल्के में न लें बल्कि जल्दी से जल्दी किसी स्वास्थ्य केन्द्र पर पहुँचकर ईसीजी करायें ताकि दर्द का सही कारण जाना जा सके।
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उन्होंने अपने अनुभव सांझा करते हुए बताया कि ज्यादातर मामले इसलिए गंभीर हो जाते है कि लोग साधारण दर्द समझकर घरेलू उपचार में समय गवां देते हैं जिससे बाद में रोग के प्रभाव की गंभीरता बढ़ जाती है अत: सभी को चाहिये कि चेस्ट पेन की स्थिति में गोल्डन आवर (पहला घंटा) को गंभीरता से लें तथा यह भी ध्यान रखें कि दर्द कुछ देर में कम हो भी जाए तो भी खतरे को कम ना आंकें और समुचित चिकित्सकीय परीक्षण अवश्य कराएं। तीस वर्ष की उम्र के बाद नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराने से रोगों के लक्षणों को जल्दी पहचाना जा सकता है जिससे उनका समय रहते इलाज हो सके।
तनाव रहित जीवन व भरपूर नींद से हृदय संबंधी रोगों से बचा जा सकता है | World Heart Day
सेमीनार में आॅनलाइन शिरकत करते हुए डा. के.सी. राय अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य झांसी मण्डल ने कहा कि देश में कुल होने वाली मौतों में से 28.1 प्रतिशत मौतों का कारण कार्डियो वेस्कूलर डिजीज (हृदय रोग) हैं, इन मौतों व इससे संबंधित विकलांगता को रोकने के लिये व्यापक स्तर पर जनजागरूकता की आवश्यकता है। सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में हृदय रोग विशेषज्ञ डा. निर्देश जैन व एम.एल.बी. मेडिकल कॉलेज की पब्लिक हैल्थ एक्सपर्ट डा. सुधा शर्मा ने झांसी मण्डल के सभी जिला चिकित्सालयों, प्राथमिक/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर तैनात चिकित्साधिकारियों व हैल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर पर तैनात सीएचओ से सीधा संवाद स्थापित किया।
सत्र के दौरान प्रतिभागियों द्वारा हृदय (World Heart Day) रोग संबंधी अनेक प्रश्न पूछे गये जिनका वक्ताओं द्वारा समाधान किया गया डा. शर्मा ने बताया कि दिनचर्या में बदलाव से कार्डियो वेस्कूलर डिजीज से बचा जा सकता है। एक बार हृदय रोग संबंधी बीमारी होने पर जीवनभर तनाव व उसके खतरों के डर में जीना पड़ता है इसलिए बीमारी होने से पहले बचाव के उपायों को अपनाए जो कि उपचार से अधिक बेहतर है। नियमित व्यायाम, कम वसायुक्त भोजन, धूम्रपान से दूरी, तनाव रहित जीवन व भरपूर नींद से हृदय संबंधी रोगों से बचा जा सकता है। मौजूद चिकित्सकों ने बताया कि उच्च रक्तचाप और ब्लड शुगर लेवल, अधिक कोलेस्ट्रॉल, सीने में भारीपन और दर्द,गले और जबड़े का दर्द, बहुत ज्यादा पसीना आना, चक्कर आना व पैरों में सूजन होना और थकान व कमजोरी महसूस होना हृदय रोगों की पहचान के सामान्य लक्षण है।
इस दौरान मण्डल के सभी मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला चिकित्सालयों के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, संयुक्त निदेशक डा. आर.के. सोनी, मो. अतीब, सुनील सोनी, धीरज, जयप्रकाश आदि उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में झाँसी मण्डल के लगभग 200 चिकित्साधिकारी व सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। सेमिनार का संचालन मण्डलीय परियोजना प्रबंधक, एनएचएम आनन्द चौबे ने किया।
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