Heart Attack in Kids: आजकल कम उम्र के लोगों में भी हार्ट अटैक का खतरा बन रहा है। बीते कुछ सालों में हार्ट अटैक की दिक्कत बहुत ज्यादा बढ़ गई है, लेकिन भारत में ये बीमारी काफी सीरियश है। यहां आर्ट प्रोब्लम को सबसे ज्यादा देखा जा रहा है। डॉक्टरो की मानें तो भारत में हार्ट अटैक की उम्र ओर देशों के मुकाबले 10 साल घट गई है, कहा जाता है कि एशियन स्टडी के लोगों में हार्ट अटैक की संभावना ज्यादा रहती रहती है। Heart Attack in Kids
हालांकि इसकी सही वजह क्या है ये अभी तक कोई पता नहीं लगा पाया है, लेकिन वैज्ञानिकों और डॉक्टरो का कहना है कि युवाओं का बदला लाइफस्टाइल ही हार्ट अटैक की सबसे बड़ी वजह है। भारत देश में खराब लाइफस्टाइल की वजह से युवाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं।
दरअसल कम उम्र में हार्ट अटैक के केस अब हैरान नहीं करते हैं, बल्कि इस तरह के केस अब डराते हैं, क्योंकि कुछ समय कुछ समय पहले तक 40 साल के कम उम्र में हार्ट अटैक आना काफी आश्चर्य की बात होती थी लेकिन अब ज्यादातर हार्ट अटैक के मामलों का शिकार हुए युवक की उम्र 40 साल या इससे कम और इसके आस पास देखने को मिल रही है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर ऐसा बदलाव क्यों हुआ और क्यों कम उम्र में लोग इस जानलेवा बीमारी की चपेट में आ रहें हैं।
दरअसल हार्ट अटैक, हार्ट स्ट्रोक, कार्डियक अरेस्ट और मायोकार्डियल इनफ्रैक्शन ये सभी दिल से जुड़ी जानलेवा स्थितायां है। अब तक इन बीमारियों को बड़ी उम्र से संबंधित माना जाता था। लेकिन अब हार्ट अटैक के हर 5 में से एक पेशेंट की उम्र 40 साल से कम होती है।
एक्यूट मायोकार्डियल इनफ्रैक्शन या हार्ट अटैक की स्थिति तब बनती है, जब हार्ट मसल में आने वाले ब्ल्ड का फ्लो अचानक से कम हो जाता है। इससे हार्ट मसल्स को क्षति पहुंचती है। बड़ी उम्र में ऐसी स्थितियां बनने का कारण शरीर की भर्ती कार्यक्षमता और उम्र को भी माना जाता था। लेकिन अब जिस तरह 20 से 30 साल की उम्र के बीच भी हार्ट अटैक के मामले सामने आ रहे हैं, ये खौंफ पैदा करने वाली स्थितियां हैं। तो चलिए जानते हैं इस बारे में और जानते हैं कि आखिर हार्ट अटैक के बढ़ने की वजह क्या है।
दरअसल हमारे भारत देश में युवाओं के लाइफस्टाइल में हो रहे बदलाव से टाइप-2 डायबिटीज, मोटापा (obesity), हाई ब्लड प्रेशर (high blood pressure) और बैंड कोलेस्ट्रॉल जैसी परेशानियां बहुत ही तेजी से बढ़ रही है और यही हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ा रही है।
क्या है हार्ट अटैक के कारण?
Diabetes: डायबिटीज के मरीजों में चाहे वो बूढ़े है या व्यस्क उन्हें हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा 2 से 3 गुना बढ़ जाता है। अगर सही समय पर इसे कंट्रोल न किया जाए तो यह शरीर की ब्लड वेसैल्स में सूजन को बढ़ाती है। जिसकी वजह से हार्ट को होने वाले ब्लड सर्कुलेशन में रूकावटें आ सकती है। जानकारी के लिए बता दें कि लंबे समय तक आर्टरीज में इस प्रकार की सूजन बने रहने से कोलेस्ट्रॉल और प्लाक भी बढ़ जाता है। इससे हार्ट की नसों को नुकसान भी पहुंच सकता है।
मोटापा: मोटापा, मोटापा हार्ट अटैक के सबसे बड़े कारणों में से एक है। दरअसल हमारे शरीर में फैट या वसा की सही मात्रा होना बहुत जरूरी है। वैसे तो फैट बॉडी को एनर्जी देता है लेकिन ज्यादा मात्रा में लिया गया फैट नसों को ब्लॉक करने लगता है, जिसकी वजह से नसों में ब्लड सर्कुलेशन सही तरह से नहीं हो पाता। इस सिचुएशन में कभी कभी नसों में क्लॉटिंग भी हो सकती हैं, जो। हार्ट अटैक की वजह बन सकती है।
हाई ब्लड प्रेशर: हाई ब्लड प्रेशर की वजह से शरीर में वर्ल्ड का फ्लो तेजी से बढ़ता है जिससे कई बार शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है ब्लड फ्लो तेज होने से हार्ट की आर्टरीज पर बहुत ज्यादा प्रेशर पड़ता है जिससे हार्टअटैक हो जाता है।
नींद न होना: मोबाइल, टीवी और देर रात तक काम करने के कारण युवाओं के स्लीपिंग पैटर्न (सोने और जागने का चक्र) में भी बहुत बदलाव आ गया है। वो रात को जागकर काम करते हैं जिसके कारण समय पर खानपान नहीं हो पाता और नींद भी पूरी नहीं हो पाती। नींद पूरी न होने का सीधा कनेक्शन दिल का दौरा पड़ने से है। तो इस चीज़ को सीरियसली लें और 6 से 8 घंटे की नींद जरूर पूरी करें।
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