ज्यादा नहीं हैल्दी खाओ

Health Tips, Quality, Important, Quantity

यदि हम घर की बनी दाल, सब्जी, रोटी खाते हैं तो वह हमारे शरीर को कमजोर नहीं बनाती पर कभी कभी शरीर में कुछ विटामिन्स व मिनरल्स की कमी पैदा हो जाती है क्योंकि हमें बैलेंस्ड डाइट के बारे में पूर्ण जानकारी नहीं होती।

हम दो मुख्य आहार तो ठीक ले लेते हैं पर नाश्ता और दो खानों के बीच में भूख लगने पर पौष्टिक आहार का ध्यान न रखकर जो मन में आता है या जो घर पर या आॅफिस में मिलता है, बिना सोचे खाकर पेट भर लेते हैं। अगर हम अधिक खाने के स्थान पर हैल्दी व बैलेंस्ड खाना खाएं तो हम स्वस्थ रह सकते हैं। डाइटीशियंस द्वारा कुछ हैल्थ फूड बताए गए हैं जिन्हें हम नियमित लेकर स्वयं को स्वस्थ रख सकते हैं।

ड्राई फू्रट्स:-

ड्राई फू्रट्स में बादाम और अखरोट शरीर को बहुत ऊर्जा देते हैं पर हमेशा ड्राई फू्रट्स बिना रोस्ट वाले और बिना नमक वाले खाएं। एक मुट्ठी नट्स नियमित रूप से लें। दिनभर शरीर एनर्जेटिक रहेगा और मोटापा भी नहीं बढ़ेगा। बादाम और अखरोट में रेशा भी काफी होता है। इसके इलावा प्रोटीन, मिनरल्स और फैट होते हैं जो शरीर को लाभ देते हैं।

सेब:-

सेब ‘फुल आॅफ एनर्जी’ फूड है। इसमें फाइबर की मात्रा काफी होती है। मीठा होने के साथ कार्बोहाईड्रेट की मात्रा सीमित होती है और आयरन भी होता है। भूख शांत करता है और शरीर को ऊर्जा देता है क्योंकि इसके छिलकों में पेक्टिन सॉल्यूबल फाइबर होते हैं। तभी भूख जल्दी नहीं लगती। ध्यान रखें कि छिलकों सहित सेब को खाने से पूर्व सेब कम से कम एक घंटा पहले पानी में भिगो दें। फिर अच्छी तरह से धोकर, पोंछकर सेब को खाएं। दांतों का व्यायाम भी हो जाएगा।

हरी सब्जियां:-

हरी सब्जियों से हमारे शरीर को जरूरी पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। हरी सब्जियों में भी फाइबर की प्रचुर मात्रा होती है। इसके अतिरिक्त विटामिन्स और मिनरल्स भी पर्याप्त होते हैं। हरी सब्जियों में कैलोरी की मात्रा कम होती है जिससे शरीर में फालतू फैट्स एकत्र नहीं हो पाते। हरी सब्जियों में ब्रोकली, पालक, फूलगोभी, घीया, टिंडे आदि का सेवन अधिक कर सकते हैं।

अनाज:-

हम भारतीयों का प्रमुख भोजन अनाज है चाहे वह गेहूं की चपाती हो या चावल। गेहूं और चावल के साथ अनाज में हमें ज्वार, बाजरा, रागी भी लेने चाहिए। इनमें पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाईड्रेट्स, विटामिन बी कांप्लेक्स, और रेशा होता है। कार्बोहाईड्रेट्स की मात्रा होने के कारण इससे शरीर को धीरे-धीरे ग्लूकोज मिलता रहता है जिससे रक्त शुगर का स्तर ठीक बना रहता है और हमारा मेटाबॉलिज्म कंट्रोल में रहता है। आज से गेहूं, चावल के अतिरिक्त ज्वार, बाजरा और रागी का सेवन भी करें।

जूस वाले फल:-

जो फल जूस से भरपूर होते हैं, उनमें विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा होती है। इनमें विटामिन सी अधिक होने के कारण शरीर में फैट को जमा ही नहीं होने देते। इनमें पानी की मात्रा भी पर्याप्त होती है जिससे शरीर को पानी की सही मात्रा भी मिलती रहती है और शरीर में डिहाइडे्रशन होने की संभावना भी नहीं रहती। इनमें अमीनो एसिड की मात्रा भी होती है जो फैट को कम करने में मदद करते हैं।

पॉप कार्न :

दो भोजन के बीच में अगर भूख लगती है तो पॉपकार्न का सेवन एक अच्छा आॅप्शन है। इसमें फाइबर की मात्रा पर्याप्त होती है और खाने में दांतों का व्यायाम भी हो जाता है। इसे अधिक समय तक चबाना पड़ता है, इसलिए पेट भी अधिक समय तक भरा रहता है। इसमें कैलरीज की मात्रा भी कम होती है। ध्यान रखें अधिक बटर वाले पॉपकार्न का सेवन न करें। आप आॅफिस जाते समय पॉपकार्न बनाकर एक डिब्बे में ले जा सकते हैं जो हैल्दी स्नैक का काम करेगा।

जई का दलिया (ओटमील):

जई का दलिया ओटमील में कार्बोहाईड्रेट्स की पर्याप्त मात्रा होती है जिसे पचाने में अधिक समय लगता है और अधिक समय तक शरीर को ऊर्जा मिलती रहती है। ओटमील को गेहूं के आटे में 5० प्रतिशत अनुपात के अनुसार मिलाकर चपाती के रूप में ले सकते हैं और ओट ब्रान भी गेहूं के आटे में मिलाकर चपाती के रुप में ले सकते हैं। ओट्स का सेवन सीरियल्स के रूप में दूध या दही के साथ ले सकते हैं। इसका नमकीन दलिया भी नाश्ते में ले सकते हैं। ओट्स से हमारा ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है।

बींस:

बींस भी प्रोटीन से भरपूर होती हैं और फाइबर की मात्रा भी काफी होती है। इसे पचने में लम्बा समय लगता है इसलिए इसके सेवन के बाद भूख जल्दी नहीं लगती और आप ओवरइटिंग से बच जाते हैं। बींस के साथ दाल और दही का सेवन बहुत कम करें क्योंकि उनमें भी प्रोटीन्स होते हैं और पचाना मुश्किल हो जाता है।
-नीतू गुप्ता

डबल टोंड दूध में कैल्शियम की मात्रा पूरी होती है जितनी फुल क्रीम दूध में। केवल फैट्स की मात्रा कम होती है। डबल टोंड दूध से बने दही, लस्सी, पनीर और लो फैट चीज का सेवन करें। अगर आप नियमित डबल टोंड दूध और दही लेते हैं तो शरीर को जरूरी विटामिंस और मिनरल्स मिल जाते हैं।

डबल टोंड दूध और उससे बने डेयरी प्रॉक्टस:

दूध में भरपूर कैल्शियम होता है जो हमारे दांतों और हड्डियों की मजबूती के लिए आवश्यक है। डबल टोंड दूध में कैल्शियम की मात्रा पूरी होती है जितनी फुल क्रीम दूध में। केवल फैट्स की मात्रा कम होती है। डबल टोंड दूध से बने दही, लस्सी, पनीर और लो फैट चीज का सेवन करें। अगर आप नियमित डबल टोंड दूध और दही लेते हैं तो शरीर को जरूरी विटामिंस और मिनरल्स मिल जाते हैं। शरीर स्वस्थ रहेगा और कैल्शियम की प्रचुरता के कारण कोशिकाओं में फैट्स नहीं जमेगा।

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