Haryana News: कैथल, सच कहूं /कुलदीप नैन। एम पॉक्स (मंकीपॉक्स) बीमारी को लेकर विभाग गंभीर नजर आ रहा है। अफ्रीका सहित अन्य देशों से आने वाले नागरिकों की स्क्रीनिंग हो रही है। पाजिटिव केस आने पर जिला प्रशासन को इसकी जानकारी मिलेगी। यह स्क्रीनिंग एयरपोर्ट पर की जा रही है। एम पॉक्स बीमारी अफ्रीका के देशो में ज्यादा बढ़ रही है े अभी तक भारत में इसका कोई केस सामने नहीं आया है े लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला सिविल अस्पताल में दो कमरों में आइसोलेशन वार्ड बना दिया गया है। यहां स्टाफ की नियुक्ति भी की गई है। अस्पताल में बाल रोग, त्वचा रोग व सामान्य ओपीडी में मरीजों की स्क्रीनिंग के लिए चिह्नित किया गया है। तीनों ओपीडी के डाक्टरों को अलर्ट किया गया है। अगर बीमारी से संबंधित कोई लक्षण आते हैं तो उसकी जानकारी विभाग को दें, ताकि समय रहते मरीज का सैंपल जांच के लिए पुणे लैब में भेजा जा सके।
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बीमारी के कारण | Haryana News
- यह बीमारी ज्यादातर 18 से 44 वर्ष आयु के लोगो में फैलती है।
- अवैध शारीरक सम्बन्ध।
- एमपॉक्स से पीड़ित किसी व्यक्ति के आमने-सामने होना।
- त्वचा से त्वचा सम्पर्क ।
- समलैंगिकता ।
लक्ष्ण
- शरीर पर दाने होना
- टांगो पर दाने होना
- बुखार होना
- खरोंच
- मांसपेशियों में दर्द
- थकान
- एचआईवी पोजिटिव को ज्यादा खतरा
एमपॉक्स, जिसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था, वैज्ञानिकों ने इस नाम की आलोचना की तो डब्ल्यूएचओ ने इसका नाम बदल कर एमपॉक्स रख दिया। यह एक वायरल बीमारी है जो मंकीपॉक्स वायरस के कारण होती है, जो आॅर्थोपॉक्सवायरस जीनस की एक प्रजाति है। वायरस के दो अलग-अलग क्लेड हैं: क्लेड क और क्लेड कक 2022-2023 में क्लेड आईआईब स्ट्रेन के कारण एमपॉक्स का वैश्विक प्रकोप हुआ। यह कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और अफ्रÞीका के अन्य देशों को प्रभावित कर रहा है। Haryana News
एमपॉक्स बीमारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क है अफ्रÞीकी देशो से आने वाले लोगो की भी स्क्रीनिंग हो रही है। अगर वहां से किसी को बीमारी के लक्ष्ण मिलते है तो उसकी जानकारी विभाग के पास आ जाएगी। जिला नागरिक अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड बना दिए गये है डॉ को ट्रेनिंग दे दी गयी है ।
डॉ नीरज मंगला , डिप्टी सिविल सर्जन कैथल