सतर्कता। बुखार के मरीजों की सिविल अस्पताल में विशेष तौर पर हो रही जांच
15 वर्ष की आयु तक के बच्चों का ज्यादा खतरा
फरीदाबाद (सच कहूँ न्यूज)। बिहार के मुज्जफरपुर में चमकी बुखर द्वारा मचाए गए कोहराम में सैकड़ों बच्चों की मौत के बाद फरीदाबाद का स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट हो गया है। सिविल अस्पताल में बुखार के मरीजों खासकर बच्चों को विशेष तौर पर जांच की जा रही है और इस मामले में स्वास्थ्य विभाग कतई लापरवाही नहीं बरत रहा। 15 वर्ष तक के बच्चों में तेज बुखार, उल्टी, तेज रोशनी को सहन न कर पाना जैसे लक्षणों पर स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञों की पैनी नजर है। हालांकि अभी तक जिले में इस बीमारी से कोई भी बच्चा पीड़ित नहीं मिला है।
फिर भी स्वास्थ्य विभाग ने बीमारी को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। गौरतलब है कि बी.के. सिविल अस्पताल में इन दिनों इमरजेंसी वार्ड में काफी संख्या में बच्चे डायरिया, बुखार और हैजा जैसी बीमारियों के कारण भर्ती हो रहे हैं। लेकिन कुछ दिनों में भीषण गर्मी के बाद बरसात और उमस से मौसम दिमागी बुखार के पनपने के लिए अनुकूल होता है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं हैं कि किसी भी बच्चे को इंसेफलाइटिस (दिमागी बुखार) अपनी चपेट में न ले।
- उनका कहना है कि 15 वर्ष तक के किशोरों में इस बीमारी का खतरा अधिक होता है।
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जरूरी दवाएं मंगवाई
बी.के. सिविल अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनय गुप्हेज चमकी बुखार का एक कारण लीची खाना होने की चचार्ओं के बाद लोगों ने लीची खानी बंद कर दी और इससे परहेज शुरू कर दिया है। शहर के बाजारों व सड़कों के किनारे पर लीची विक्रेता ग्राहकों की बाट जोहते रहते हैं, लेकिन उनकी खरीदारी में भारी गिरावट आई है। बताया जाता है कि लीची की गुठली से निकलने वाले कीड़े से यह बुखार होता है, हालांकि इसकी अभी पूरी तरह से पुष्टि नहीं हो पाई है।
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क्या कहते है डाक्टर
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. जे.एस. तंवर का कहना है कि इंसेफालइटिस कई वायरस से होता है। एक व्यक्ति से दूसरे को फैलने का खतरा रहता है। ऐसे में सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ निजी अस्पतालों में भी बीमारी के लिए अलर्ट है। उन्होंने लीची उत्पादक क्षेत्रों में अधिक गर्मी और आर्द्रता के मौसम में दिमागी बुखार से पीड़ितों की संख्या बीते कई वर्षों से जानलेवा हो रही है, जबकि बीमारी के कारणों का सही पता नता ने बताया कि विभागीय स्तर पर सभी जरूरी तैयारी कर ली गई हैं।
जरूरी दवाएं मंगवा ली गई हैं। जरूरत पड़ने पर खास वार्ड तैयार कर लिया जाएगा। डॉ. विनय ने बताया कि इन दिनों बच्चे डायरिया, बुखार से ज्यादा पीड़ित हो रहे हैं, इन बच्चों में दिखाई देने वाले सभी लक्षणों पर डॉक्टर पूरी निगरानी रख रहे हैं।
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