APAAR ID Card: अपार आईडी में रूचि नहीं दिखा रहे अभिभावक और स्कूल
सरसा (सच कहूँ न्यूज)। देश में जैसे वन नेशन वन आईडी की चर्चा हो रही है। वैसे ही प्रदेश में निजी व सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए भी अपार आईडी बनाने का कार्य चल रहा है। हालांकि यह केंद्र सरकार की योजना है, जिसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर बनाने पर काम कर रहा है। जिसे अपार यानी ऑटोमेटेड परमानेंट अकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री के नाम से जाना जाएगा। लेकिन स्कूलों में उपरोक्त आईडी बनाने का कार्य गति नहीं पकड़ रहा है। APAAR ID
अब तक जिले में 2 लाख 23 हजार 278 विद्यार्थियों में से मात्र 137 विद्यार्थियों की ही आईडी बनाई जा सकी है। आईडी नहीं बनने की पीछे का कारण स्कूल संचालकों का कहना है कि इसको बनाने के लिए अभिभावकों की अनुमति जरूरी है। अभिभावकों बच्चों की आईडी बनाने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। इस कारण से यह इसे बनाया नहीं जा सका है। बता दें कि अपार आईडी यानी आटोमेटिड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री है।
नई शिक्षा नीति के तहत इस योजना को लाया गया है। जिसे देशभर में लागू किया जाना है। प्रदेश में भी इस योजना की शुरूआत की गई है। इस आईडी को वन नेशन वन आईडी का भी नाम दिया गया है। लेकिन प्रदेश के अधिकतर जिलों में इस योजना को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा। इसे गंभीरता से न लेने का मुख्य कारण अभिभावकों की अनुमति नहीं मिलना है, क्योंकि इस आईडी को बनाने के लिए अभिभावकों की अनुमति जरूरी है। अभिभावक आईडी नहीं बनाने के पीछे अलग-अलग तरह के कारण दे रहे हैं।
जानिये… क्या है अपार आईडी | APAAR ID
अपार आईडी एक तरह से विद्यार्थियों की एक ऐसी आईडी है, जिसमें बच्चों के नाम से लेकर उनके अभिभावकों तक की जानकारी होगी। इस आईडी को डिजिटल लॉकर से जोड़ा किया जाएगा। इसमें बच्चे का नाम, पता, कक्षा, रोल नंबर, उनके नंबर, डीएमसी, परीक्षा परिणाम, क्रेडिट स्कोर, अभिभावकों का नाम, कारोबार, घर का पता आदि की जानकारी दर्ज होगी। एक तरह से इसमें विद्यार्थी की हर प्रकार की निजी जानकारी होगी। ये आईडी प्री नर्सरी से लेकर अंतिम पढ़ाई तक एक ही रहेगी। ये आधार कार्ड से लिंक की जाएगी। इसकी जानकारी अपने आप बदलती रहेगी। हर बच्चे का पूरा डाटा इस आईडी में होगा।
कुछ लोग अभी भी इस बात से संशय में है कि आधार कार्ड और अपार आईडी एक ही चीज है तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। आधार कार्ड हर एक नागरिक के भारत का मूल निवासी होने का प्रमाण है। जो पढ़े लिखे और गैर-शिक्षित सभी लोगों का बन सकता है। लेकिन अपार कार्ड सिर्फ विद्यार्थियों का बनता है। शिक्षा मंत्रालय की ये अच्छी पहल है। शिक्षा निदेशालय के निदेर्शानुसार सभी स्कूल मुखियाओं व संचालकों को आईडी बनवाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
– बूटा राम, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, सरसा।
जिले में अभी सिर्फ 137 विद्यार्थियों की ही आईडी ही बन पाई है। विद्यार्थियों की आईडी बनाने के लिए अभिभावकों का सहमत होना जरूरी है। जिले के अभिभावक अभी इस आईडी को बनाने की सहमति नहीं दे रहे हैं। जिसके कारण काम में देरी हो रही है।
– नीरज मक्कड़, प्रोग्रामर, सरसा।
अपार आईडी के हो सकते हैं ये लाभ | APAAR ID
- कार्ड धारक विद्यार्थियों को बस यात्रा में सब्सिडी
- परीक्षाओं के लिए शुल्क देने में आसानी
- विद्यार्थियों को सरकारी संग्रहालयों में निशुल्क प्रवेश
- विद्यार्थियों को किताबें और स्टेशनरी पर भी छूट
- मनोरंजन पार्कों और छात्रावास के लिए सब्सिडी
- अभिभावकों का डर
- साइबर बुलिंग हो सकती है।
- बच्चों का डाटा गलत कंपनी के पास जा सकता है।
- बच्चों के डाटा का मिसयूज करके उसे ब्लैकमेल किया जा सकता है
- डाटा लीक होने से बच्चों के साथ गलत बातचीत हो सकती है
- डाटा लीक हो गया तो बच्चे किस क्लास में कितने नंबर लेकर आते हैं, कैसा उनका व्यवहार है, टीचर ने उनका क्या फीडबैक दिया है, सब आएगा, जिससे उसका विश्लेषण करके मिसयूज किया जा सकता है।
- आधार कार्ड का डाटा जैसे लीक हो रहा है, अपार का भी हो सकता है।
- कंपनी बच्चों के व्यवहार को देखकर प्रोडक्ट या फिर वीडियो सोशल मीडिया कंटेंट उन्हें बेच सकते हैं।
आधार कार्ड और अपार आईडी में है क्या फर्क