जींद (सच कहूँ न्यूज)। हरियाणा और जींद जिले के बराह कलां गांव की विश्वकर्मा कालोनी निवासी और सबसे उम्रदराज महिला(Haryana’s oldest woman) शरीफन देवी का 115 वर्ष की उम्र में आज निधन हो गया। शरीफन को मुस्लिम रिति रिवाज से उनको सुपुर्द-ए-खाक किया गया। शरीफन देवी की सबसे बड़ी बेटी 90 वर्ष की है।
शरीफन देवी चुनावों के दौरान हमेशा अपने मताधिकार का इस्तेमाल करती थीं। वह जब भी बूथ पर मत डालने आती थीं तो उनके हाथों में तिरंगा होता था। वह औरों को मत की महत्ता के बारे में बताती थीं। उनके बड़े बेटे रहमत ने बताया कि उनकी मां बंटवारे के दौरान की अनेक कहानियां सुनाती थी। बंटवारे के उस खौफनाक माहौल में किसी मुसलमान का भारत में रहने के फैसले को कम नही आंक सकते थे।
यह इस बात का प्रमाण है कि उस माहौल में भी साम्प्रदायिक सौहार्द बनाने के लिए लोग प्रयासरत थे और बड़ी संख्या में लोगों ने इस धर्म आधारित बंटवारे को खारिज किया था और हिंदू-मुस्लिम लोगों ने आपस में सहयोग किया था। उस दौरान भी हिंदुओं ने उनका सहयोग किया। जिसके कारण वे अपना देश छोड़ कर जाने के लिए मजबूर नहीं हुए। उनके आसपास और रिश्तेदारी में बहुत से लोग थे जो पाकिस्तान चले गए लेकिन उन्होंने यहीं रहने का फैसला किया।
शरीफन(Haryana’s oldest woman) के सुपुर्द-ए-खाक के समय पहुंचे सामाजिक सदभावना मंच के रामफल दहिया ने कहा कि इस वक्त ऐसे बहुत कम लोग जिंदा है जिन्होंने बंटवारे का दंश झेला है। शरीफन देवी उनमें से एक थीं जो आज दुनिया छोड़कर चली गई हैं।
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