हिसार, संदीप सिंहमार। haryanvi singer raju punjabi: हरियाणा की लोक गायकी को विदेशों तक फेमस करने वाले हरियाणा के सुप्रसिद्ध गायक राजू पंजाबी का हिसार के एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान निधन हो गया। राजू पंजाबी फिलहाल हिसार के ही आजाद नगर में रहते थे। मूल रूप से वह रावतखेड़ा गाँव के रहने वाले थे। उनको पिछले करीब 10 दिनों से पीलिया था। पीलिया की वजह से ही वह पहले भी हिसार के निजी अस्पताल में दाखिल रह चुके हैं। ठीक होकर वह घर लौट गए थे। लेकिन अचानक तबियत बिगड़ने के कारण उन्हें फिर से निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया जहां, उन्हें बचाया नहीं जा सका। मंगलवार सुबह उपचार के दौरान के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। Raju Punjabi passed away
- सौदा ऐ कुछ नहीं से समाज की सच्चाई लाए थे सामने
- बिंदर दनोदा व राजू पंजाबी की जोड़ी रही मशहूर
- आस्ट्रेलिया में भी हरियाणवी संस्कृति को बढ़ावा दिया
उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को उनके पैतृक गांव रावत खेड़ा में किया जाएगा राजू पंजाबी 40 वर्ष के थे। वह अपने पीछे तीन बेटियों सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। ज्ञात रहे कि राजू पंजाबी ने लुप्त होती हरियाणवी गायक को बचाने के लिए हरियाणवी पॉप में गाना शुरू किया था। उनके द्वारा गाए गए गीत देश में ही नहीं उनकी विदेशों में भी उनसे नजर आए हैं। थाईलैंड के पटाया व फुकेत बीच पर क्रूज़ डिनर के दौरान हरियाणवी लोक गायक सपना चौधरी राजू पंजाबी के गाने हमेशा चलते रहे हैं। बिंदर दनोदा के साथ भी उनकी हमेशा सुप्रसिद्ध जुड़ी हुई है। हरियाणा के प्रसिद्ध हरियाणवी कवि एवं बॉलीवुड फिल्म स्क्रिप्ट राइटर रमेश चल द्वारा लिखित ‘गीत सौदा ऐ कुछ नहीं’ ने विशेष रिकॉर्ड बनाए थे। इसी गीत की तरह उन्होंने समाज को दिशा देने के लिए बहुत गीत गाए। Raju Punjabi passed away
उनका आखिरी गीत ‘आपसे मिलकर यारा, हमको अच्छा लगा था…’ 12 अगस्त को रिलीज किया गया था। तब भी वे हिसार के निजी अस्पताल में ही दाखिल थे। गायक राजू पंजाबी के निधन का समाचार मिलने के बाद उनके परिजनों व उनके समर्थकों ने हिसार में पहुंचना शुरू कर दिया है। भारी संख्या में हिसार में समर्थक जुटने की आशंका के बीच हिसार पुलिस ने अस्पताल के बाहर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। ध्यान रहे कि राजू पंजाबी की इतनी प्रसिद्धि थी कि हरियाणा के दूसरे कलाकार उनके साथ गाने फिल्माने के लिए लंबा इंतजार करते थे। उन्होंने हरियाणवी स्टेज एप्प व हुकुम का इक्का ले माध्यम से भी अपनी प्रस्तुतियां पेश कर अपनी अमिट छाप छोड़ी।