दीवारों से भी निकल रही आग | Haryana Weather
लगातार बढ़ रही गर्मी के कारण अब रात को भी राहत नहीं मिल रही। घरों की दीवारें तपने के कारण पंखे ऐसे प्रतीत होते है जैसे हवा की जगह आग फेंक रहे हो। शनिवार और रविवार को जिले का अधिकतम तापमान 46 और रात का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में भी गर्मी से राहत मिलने की कोई संभावना नहीं है। अगले तीन-चार दिनों में अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार और रात का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के पार रहने की संभावना जताई जा रही है।
नागरिक अस्पताल के फिजिशियन डॉ. राजीव मित्तल ने शहर वासियों से गर्मी से बचाव की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि धूप से बचकर रहें। शरीर में पानी की कमी न होने दें। फुल बाजू के कपड़े पहनें। चेहरे को ढक कर रखें। आंखों पर काले चश्मे का इस्तेमाल करें। सीधे बाहर से आकर पानी न पिएं। दूषित बर्फ के पानी से बचें। इससे बैक्टीरिया पेट में चले जाते हैं। गर्मी के मौसम में ककड़ी, तरबूज, खीरा, खरबूजा, लीची का प्रयोग करें। Haryana Weather
शनिवार से नौतपा की शुरूआत हो गई है। 2 जून तक गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। तापमान में भी बढ़ोतरी होगी। गर्मी के बचाव के लिए अधिक से अधिक पानी पीएं। तेज धूप में बाहर न निकलें।
-डॉ. रमेश वर्मा, कैथल कृषि विज्ञान केंद्र के मुख्य समन्वयक Haryana Weather
इस दिन से शुरू होगी बरसात
मौसम विभाग के अनुसार, मुंबई में बारिश के आगमन की सही तारीख की घोषणा इस महीने के अंत में केरल में इसकी प्रगति का अवलोकन करने के बाद ही की जाएगी। “हमारे अनुमान के अनुसार, 3-4 दिन का अंतर हो सकता है, लेकिन फिलहाल हम उम्मीद कर रहे हैं कि मानसून तय समय पर आएगा।” मौसम वैज्ञानिकों ने संकेत दिया है कि मई के अंत से मुंबई में प्री-मानसून वर्षा होने की संभावना है। “इस महीने के अंत से मुंबई में प्री मानसून गतिविधि शुरू होने की उम्मीद है। जून के पहले सप्ताह में अलग-अलग इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है जो बाद में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आने के साथ तेज हो जाएगी।” वहीं उत्तर प्रदेश समेत उत्तर भारत में फिलहाल गर्मी से कोई राहत नहीं मिलने वाली है।
रेमल के कारण बंगाल में भारी बारिश, पेड़-बिजली के खंभें उखड़े, कोलकाता के कुछ हिस्सों में भरा पानी
एक तरफ उत्तर भारत में भयंकर गर्मी पड़ रही है वहीं दूसरी तरफ रेमल चक्रवातके कारण रात भर हुई भारी बारिश और 135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं ने सोमवार को कोलकाता सहित पश्चिम बंगाल के कई अन्य जिलों में छप्पर वाले घरों को नष्ट हो गए, बिजली के खंभे और रेलवे सिग्नल पोस्ट गिर गए। प्रारंभिक रिपोर्टों के मुताबिक रेमल के पश्चिम बंगाल और उससे सटे बंगलादेश के तटों के बीच टकराने से घर ढहने या उड़ते हुए मलबे की चपेट में आने से कई लोग घायल हो गए। राज्य सरकार पहले ही निचले इलाकों में रहने वाले करीब 1.10 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा चुकी है।
क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार चक्रवात के टकराने की प्रक्रिया रविवार रात लगभग 8.30 बजे शुरू हुई और पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के सागर द्वीप और मोंगला के पास बंग के खेपुपारा के बीच सोमवार तड़के समाप्त हुई। प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक कोलकाता में 146 मिमी बारिश हुई और 100 से 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं, जो 135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुंच गयीं। तेज हवाई के कारण पेड़ उखड़ गए और ओवरहेड बिजली के तार टूट गए। कोलकाता में दीवार गिरने से एक व्यक्ति घायल हो गया।
दक्षिण कोलकाता के ढाकुरिया, पार्क सर्कस और बालीगंज जैसे इलाकों में घुटनों तक पानी भर गया, जबकि टॉलीगंज और कवि नजरूल स्टेशनों पर मेट्रो रेलवे शेड उड़ गए। उपनगरीय सियालदह दक्षिण खंड में एहतियात के तौर पर रेलवे सेवाएं पहले ही निलंबित कर दी गई हैं, जबकि नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय (एनएससीबीआई) हवाई अड्डे को भी रविवार को अपराह्न 12 बजे से सोमवार सुबह 09 बजे तक के लिए बंद कर दिया गया है। कुल मिलाकर 340 घरेलू और 54 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द कर दी गईं। उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर जिलों से प्राप्त रिपोर्टों में कहा गया है कि तूफान के कारण कई फूस के घर जमींदोज हो गए। बिजली के खंभे भी टूट गए। बंगाल की खाड़ी में विशाल ज्वारीय लहरें देखी गईं।