चंडीगढ़ l हरियाणा विधानसभा सत्र में राज्य में महिलाओं को पंचायतीराज संस्थाओं में 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने सम्बंधी सात महत्वपूर्ण विधेयक आज पारित किये गये।इन विधेयकों में हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक-2020, हरियाणा नगरपालिका (द्वितीय संशोधन) विधेयक- 2020, हरियाणा नगर निगम (द्वितीय संशोधन) विधेयक-2020, हरियाणा विधि अधिकारी (विनियोजन) संशोधन विधेयक-2020, हरियाणा पंचायती राज (द्वितीय संशोधन) विधेयक-2020, हरियाणा लोक वित्त उत्तरदायित्व (संशोधन) विधेयक-2020, और पंजाब भू राजस्व (हरियाणा संशोधन) विधेयक-2020 शामिल हैं।
हरियाणा पंचायती राज (द्वितीय संशोधन) विधेयक-2020 संवैधानिक प्रावधानों को अमल में लाने तथा ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों तथा जिला परिषदों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु इनके लिये 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। यह संशोधन किसी निर्वाचित सरपंच, पंचायत समिति तथा जिला परिषद के सदस्यों की अपने मतदाताओं के प्रति जवाबदेही बढ़ाने के लिए वापिस बुलाने के उपबन्ध का प्रावधान करता है। इस प्रावधान का आशय पंचायती राज संस्थाओं में शासितों के प्रति शासन की लोकतान्त्रिक जवाबदेही को बढ़ाना है।
सदन ने संगठित अपराध सिंडिकेट या गैंग की आपराधिक गतिविधि के निवारण और नियंत्रण हेतु तथा उनसे निपटान और उनसे सम्बंधित या उनके आनुषंगिक मामलों के लिए विशेष उपबंध करने के लिए हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक-2020 पारित किया गया है। गत दशक में राज्य में अपराध के पैटर्न में बदलाव देखने को मिला है। पहले व्यक्ति विशेष अथवा समूह द्वारा जघन्य अपराध जैसे हत्या, डकैती, अपहरण और जबरन वसूली की जाती थी, लेकिन गत एक दशक में हरियाणा में गैंगस्टर और संगठित अपराध का प्रचलन हुआ है। नई उम्र के अपराधियों के गिरोहों ने एक संगठित आपराधिक उद्यम के रूप में जीवन जीना शुरू कर दिया है। यह विधेयक ऐसे अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाने का काम करेगा।
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