सत्ता और विपक्ष की जोरदार बहस, कांग्रेस का वॉकआउट
चंडीगढ़ (अनिल कक्कड़)। हरियाणा विधानसभा मानसून सत्र के अंतिम दिन नकल विरोधी कानून सहित छह विधेयक सदन में पास किए गए। बहुमत होने के चलते छह विधेयक सरकार ने आसानी से पारित करवा लिए हालांकि विपक्षी दलों ने कई बिलों पर कड़ा ऐतराज जताया और इसे जनता के लिए अत्यंत हानिकारक बताया। इस दौरान कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट भी किया। मंगलवार को जो छह विधेयक पारित किये गए, उनमें भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार (हरियाणा संशोधन) विधेयक, 2021, पंचकूला महानगर विकास प्राधिकरण विधेयक, 2021, हरियाणा माल और सेवा कर (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2021, हरियाणा लोक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण) विधेयक, 2021, हरियाणा परिवार पहचान विधेयक, 2021 (यथासंशोधित) और हरियाणा विनियोग (संख्या 3) विधेयक, 2021 शामिल हैं।
जमीन एक्वायर करने के लिए कानून में संशोधन
प्रदेश सरकार को विभिन्न प्रोजैक्ट्स के लिए जमीन की उपलब्धता को लेकर आ रही समस्याओं का देखते हुए भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार (हरियाणा संशोधन) विधेयक, 2021 लाया गया। जिसे विपक्ष ने किसानों के लिए एक और काला बिल करार दिया और कहा कि इसे सिलेक्टिव कमेटी के पास भेजा जाए ताकि इस पर कानूनी तौर पर हर ऐंगल से चर्चा हो। लेकिन बहुमत के चलते सरकार ने इस ध्वनिमत से पास करवा लिया और तर्क दिया कि इस कानून ने विकास कार्यों के लिए भूमि अधिग्रहण के मामलों को एक नई दृष्टि दी है ताकि भूमि से वंचित होने वाले किसानों को विकास के लाभ सांझा करने के योग्य बनाया जा सके। यह भूमि अधिग्रहण किसानों के अहित के स्थान पर उन्हें विकास प्रक्रिया में हितधारक और साथ ही हिस्सेदार भी बनाता है। इस अधिनियम मंथ किसानोंध्भूमि मालिकों के लिए न केवल मुआवजा प्रदान करना अपितु उनके पुनर्वास एंव पुनर्व्यवस्थापन हेतु भी कई प्रकार के प्रावधान रखे गये है। इसमें भूमि मालिकों को न्यायोचित मुआवजा प्रदान करने तथा भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता में संतुलन बनाने हेतु नई धाराएं 10ए, 23ए व 31ए को जोड़ा गया है।
नकल विरोधी कानून
प्रशासनिक भाषा में इसे हरियाणा लोक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण) विधेयक, 2021 कहा गया है। यह विधेयक लोक परीक्षा में अनुचित साधनों तथा प्रश्न पत्र प्रकटन निवारण तथा इससे सम्बन्धित एवं इससे आनुषंगिक मामलों हेतु उपबन्ध करने के लिए पारित किया गया है। राज्य सरकार में पदों पर भर्ती के मामलों में प्रश्न पत्रों का लीक होना न केवल आम जनता के विश्वास को धोखा देता है और सरकार की विश्वसनीयता पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है, बल्कि राज्य को परीक्षाओं को रदद करने के लिए पर्याप्त प्रशसनिक लागत का सामना करना पड़ता है। भारतीय संवधिान के अनुच्छेद 16(1) के तहत अवसर की समानता के मानदण्ड के अधीन पदों पर चयन की एक निष्पक्ष और उचित प्रक्रिया एक संवैधानिक आवश्यकता है। एक निष्पक्ष और उचित भर्ती प्रक्रिया भी अनुच्छेद 14 की एक मूलभूत आवश्यकता है। जहां धोखाधड़ी या अनियमितताओं के परिणामस्वरूप सार्वजनिक रोजगार में भर्ती से समझौता किया जाता है, वहां पूरी प्रक्रिया खराब हो जाती है।
हरियाणा परिवार पहचान विधेयक, 2021
हरियाणा सरकार अथवा उसकी ओर से किसी सरकारी अभिकरण अथवा स्थानीय प्राधिकरण द्वारा उपबन्धित या कार्यान्वित किसी स्कीम, सेवा, सब्सिडी या लाभ के लिए पात्रता अवधारण के लिए, या के उपबन्ध हेतु, सामान्यतारू अपेक्षित ऐसे डाटा क्षेत्रों से सुव्यवथित सूचना से जुड़े हुए प्रत्येक परिवार हेतु विशिष्ट पहचान संख्या के रूप में परिवार पहचान संख्या का आबंटन करने हेतु तथा परिवार पहचान प्राधिकरण की स्थापना के प्रयोजनार्थ तथा इससे सम्बंधित तथा इससे आनुषंगिक मामलों हेतु उपबन्ध करने के लिए हरियाणा परिवार पहचान विधेयक, 2021 को यथासंशोधित पारित किया गया है। यह अधिनियम हरियाणा परिवार पहचान अधिनियम, 2021 कहा जा सकता है।
सीबीआई जांच से क्यों भाग रही सरकार, परिवार पहचान पत्र कानून व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर कुठाराघात: हुड्डा
नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सदन में कहा कि नया कानून अपनी जगह है लेकिन भूतकाल में जिन लोगों ने एक के बाद एक पेपर लीक किए और भर्ती घोटालों को अंजाम दिया, सरकार उनपर कार्रवाई से क्यों परहेज कर रही है? आखिर सरकार किसको बचाना चाहती है? जब खुद प्रदेश के गृहमंत्री सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं तो फिर सरकार इससे क्यों भाग रही है? नेता प्रतिपक्ष ने भर्तियों पर चर्चा के दौरान कहा कि इसमें विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता को बनाए रखना चाहिए। सरकार को उसमें किसी तरह की दखलअंदाजी नहीं करनी चाहिए। वहीं परिवार पहचान पत्र कानून को लेकर भी उन्होंने कहा कि यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर कुठाराघात करने वाला साबित हो सकता है। इसलिए उसपर गंभीरता से विचार किए जाने की जरुरत है। इसी तरह नए जमीन अधिग्रहण कानून में भी सरकार ने किसानों की बजाए पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने वाले प्रावधान जोड़े हैं। इसमें किसानों के हितों का ध्यान नहीं रखा गया। कानून के कई प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा करने की जरूरत है।
भूमि अधिग्रहण बिल देगा विकास को रफ्तार: सीएम
विपक्ष के आरोपों को दरकिनार करते हुए सत्र के बाद पत्रकारवार्ता में सीएम ने कहा कि भूमि अधिग्रहण बिल में हुए संशोधन से विकास की रफ्तार बढ़ेगी और किसानों को फायदा होगा। वहीं नकल विरोधी कानून पर सीएम ने कहा कि पेपर लीक होना बेहद दुखद है। वहीं इस मामले में पुलिस की जांच जम्मू तक पहुंच गई और वहां जिस प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक हुआ था उसकी जांच जारी है। इस मामले में 25-30 गिरफ्तार किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि वहां एक पैन ड्राइव से पेपर लीक हुआ था जिसे पांच लाख में बेचा गया और वह हरियाणा आते आते 1 करोड़ में बिकी थी। सीएम ने कहा कि सरकार का मकसद लोगों को फ्री में चीजें बांटने से ज्यादा उन्हें उनके पैरों पर खड़ा करना है।
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