शहादत को सलाम। पुलवामा हमले के आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान हुए थे शहीद
10 माह के बेटे ने दी मुखाग्नि तो छलक पड़ी हर आंख
जल रही थी चिता, खौल रहा था खून
अंतिम यात्रा में पहुंचे केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने दी श्रद्धांजलि
रेवाड़ी सच कहूँ/महेंद्र भारती । जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी हमले में शहीद हुए हरि सिंह की अंतिम विदाई में मंगलवार को श्रद्धांजलि देने को जनसैलाब उमड़ पड़ा। शहीद के पैतृक गांव राजगढ़ में मंगलवार दोपहर हजारों नम आखों ने शहीद को अंतिम विदाई दी। शहीद पिता हरि सिंह की चिता को जैसे ही 10 माह के बेटे लक्ष ने मुखाग्नि दी तो यह देख वहां मौजूद हजारों लोगों की आंखें भर आईं तो परिवार और गांव के लोग फूट-फूट कर रोने लगे। यहां पर नजारा ऐसा दिखा जैसे पूरा हरियाणा अपने लाल की जुदाई में रो रहा हो। वहीं, 10 साल के बेटे को इस बात का अहसास नहीं है कि उसके सिर से पिता का साया उठ चुका है।
ग्रामीणों को शहादत पर गर्व, फूंका पाकिस्तान का पुतला
वहीं, भीड़ देखकर जब लक्ष रोने लगा तो अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्रीकांत जाधव ने उसे गोद में उठाकर चुप करवाने का प्रयास किया। यह लम्हा हर किसी को गमगीन कर गया। इससे पहले पार्थिव शरीर को लेकर पहुंचे वाहन के साथ जुटे लोगों की भीड़ उनके भीतर उबल रहे गुस्से व राष्ट्र प्रेम को भी जाहिर कर रही थी। ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो पूरा रेवाड़ी जिला ही नहीं, बल्कि सीमा से सटे अलवर जिले के लोगों का रुख भी राजगढ़ की तरफ हो गया है। यहां आम और खास की दूरियां खत्म हो गई हैं। हर कोई बस श्रद्धा के दो पुष्प अर्पित करने के लिए आतुर दिखा।
फिजां में भारत मां के जयकारे गूंज रहे थे और मुखर होकर लोग पाकिस्तान मुदार्बाद के नारे लगा रहे थे।अंत्येष्टि स्थल पर केंद्रीय मंत्री राव इंदरजीत सिंह, विधायक रणधीर कापड़ीवास, युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव चिरंजीव राव, जन स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉक्टर बनवारीलाल, पूर्व मंत्री शकुंतला भगवाड़िया, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद यादव, जननायक जनता पार्टी के श्यामसुंदर सभरवाल, पूर्व विधायक रामेश्वर दयाल व अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।
2011 में सेना में भर्ती हुए थे हरी सिंह
26 वर्षीय हरी सिंह राजपूत 2011 में बतौर ग्रेनेडियर भर्ती हुए थे। हाल ही में वे नायक पद पर प्रमोट हुए थे। हरि के पिता अगड़ी राम भी सेना से रिटायर्ड थे। 2 साल पहले ही उनका निधन हुआ था। हरि तीन बहनों के इकलौते भाई थे। उनकी दो साल पहले शादी हुई थी। परिवार में मां पिस्ता देवी, पत्नी राधा और 10 माह का बेटा लक्ष्य है। वे 28 दिसंबर को 1 माह की छुट्टी के बाद कश्मीर गए थे। हरि सिंह ने आखिरी बार रविवार की देर शाम 7.30 बजे अपनी पत्नी राधा से फोन पर बात की थी। उन्होंने बेटे का ख्याल रखने की बात कहकर कहा कि आठ बजे बाद से ड्यूटी पर रहूंगा।
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