चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। हरियाणा राजकीय महाविद्यालय शिक्षक संघ ने प्राध्यापकों की लंबित मांगों को लेकर शिक्षा मंत्री कंवरपाल से मुलाकात की और उनको ज्ञापन सौंपा। शिक्षक संघ के बुधवार को यहां जारी बयान के अनुसार शिक्षा मंत्री ने इन मांगों के संबंध में आगामी सप्ताह में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करने का आश्वासन दिया। शिक्षक संघ ने ग्रामीण सेवा की बाध्यता के कारण प्राध्यापकों के लंबित सीनियर स्केल, सिलेक्शन ग्रेड एवं पे-बैंड फोर के स्केल को तुरंत प्रभाव से देने की मांग की। शिक्षक संघ के अनुसार एक तरफ तो विभाग आवश्यक ग्रामीण सेवा पूरी करवाने में असफल रहा है और दूसरी तरफ शिक्षकों की पदोन्नति को रोककर उनके साथ अन्याय किया जा रहा है।
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इसके अलावा हरियाणा सरकार के विभिन्न विभागों से उच्चतर शिक्षा विभाग में नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों के कई वर्षों से लंबित वेतन नियतन के मामलों को निपटाने की मांग भी रखी गई। संघ के प्रधान डॉ अमित चौधरी ने कहा कि उच्चतर शिक्षा विभाग में शिक्षा एवं शिक्षकों से जुड़े महत्वपूर्ण फैसले लेने से पहले शिक्षकों से विचार- विमर्श नहीं किया जाता। यूजीसी रेगुलेशन, 2018 को लागू करते समय भी शिक्षकों से कोई विचार-विमर्श नहीं किया गया। इस रेगुलेशन में यूजीसी के एम. फिल, पीएचडी इंक्रीमेंटस के प्रावधान को शामिल नहीं किया जाना सभी कॉलेज प्राध्यापकों के साथ नाइंसाफी है। महासचिव डॉ प्रतिभा चौहान ने कहा कि सेवानिवृत्ति की आयु न बढ़ाना और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को दोबारा नियुक्ति देना भी शिक्षकों के हितों की घोर अनदेखी है।
शिक्षक संघ ने बतौर एसोसिएट प्रोफेसर तीन वर्ष की सेवा पूरी करने वाले शिक्षकों को सीधा प्रोफेसर पद पर पदोन्नत करने, विभाग की कॉलेज फाइव ब्रांच में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर किसी प्राध्यापक को ही नियुक्त करने, एलएमएस की जांच करने, महिला शिक्षकों की सीसीएल की अनुमति की समय सीमा निश्चित करने और विभाग के अधिकारियों को निश्चित अंतराल पर शिक्षक संघ से वार्ता करने के निर्देश जारी करने की मांग की ताकि शिक्षा एवं शिक्षकों से जुड़े मुद्दे विभाग तक पहुंच सकें और उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने के बेहतर प्रयास हो सकें।
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